छात्रों का भविष्य अधर में — ABVP ने दी तालाबंदी की चेतावनी”
राजकुमार भगत
पाकुड़ जिले में शिक्षा को लेकर एक बड़ी चिंता का कारण बनकर उभरी है के.के.एम. बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त होने की खबर। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा कॉलेज की बीएड मान्यता रद्द कर दिए जाने से न केवल सैकड़ों विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट मंडरा गया है, बल्कि उनका भविष्य भी अंधकार में झूलता नजर आ रहा है। यह कॉलेज पाकुड़ जैसे पिछड़े और जनजातीय बहुल क्षेत्र का एकमात्र सरकारी बीएड संस्थान है, जहां सीमित संसाधनों के बावजूद छात्र शिक्षक बनने का सपना लेकर दाखिला लेते हैं। अब मान्यता रद्द हो जाने से न केवल वर्तमान सत्र अधर में लटक गया है, बल्कि आगे चलकर इन विद्यार्थियों के लिए शिक्षकीय सेवाओं में जाने की राह भी बंद होती नजर आ रही है। इस पूरे मामले को लेकर छात्रों और युवाओं में गहरा आक्रोश है। जिला संयोजक सुमित पांडे ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। कॉलेज को दो महीने पहले ही सुधार के लिए चेतावनी दी गई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन दोनों ही स्तरों पर कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसका परिणाम आज छात्र भुगत रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करें और कॉलेज की मान्यता पुनः बहाल कराने के लिए आवश्यक पहल करें। परिषद ने चेतावनी भी दी है कि यदि इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो छात्र आंदोलन को तेज करेंगे।
छात्र नेता अमित साहा ने कहा कि पाकुड़ पहले से ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहां पीजी, मेडिकल और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की भी कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द होना जिले के लिए शिक्षा के एक और दरवाज़े के बंद हो जाने जैसा है।
कॉलेज के छात्र मंत्री दुलाल दास ने साफ कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर कॉलेज को मान्यता नहीं मिली, तो वे छात्रों के साथ मिलकर कॉलेज परिसर में अनिश्चितकालीन तालाबंदी करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान गुंजन तिवारी, हर्ष भगत, संजय दत्ता, राहुल मिश्र, सागर रजक, बादल तिवारी, कमल समेत दर्जनों छात्र-कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन और विश्वविद्यालय पर लापरवाही का आरोप लगाया और चेताया कि यदि छात्रों की शिक्षा और भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं रोका गया, तो आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा।

