विद्यालय समय से पहले बंद, बायोमेट्रिक में समय पर हाजिरी कैसे?
GD News Live टीम ने फिर खोली शिक्षा विभाग की पोल।
लिट्टीपाड़ा (पाकुड़) प्रखंड से एक बार फिर शिक्षा विभाग की लापरवाही की तस्वीर सामने आई है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरिया में पढ़ाई कम और धांधली ज़्यादा हो रही है। झारखंड की हकीकत की टीम जब मौके पर पहुंची, तो विद्यालय में सन्नाटा पसरा था — बच्चे घर लौट चुके थे और गेट पर ताला लटक रहा था, जबकि घड़ी की सुई बता रही थी कि अभी स्कूल बंद होने का समय नहीं हुआ था। तो सवाल ये उठता है — जब स्कूल समय से पहले बंद हो रहा है, तो बायोमेट्रिक मशीन में उपस्थिति समय पर कैसे दर्ज हो रही है?
क्या सिर्फ़ कागज़ों पर चल रहा है विद्यालय?
सूत्रों की मानें तो कई शिक्षक स्कूल आने का सिर्फ़ दिखावा करते हैं — बायोमेट्रिक में उंगली लगाई और चुपचाप घर। बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।एक स्थानीय अभिभावक ने गुस्से में कहा कि हमारे बच्चे रोज़ स्कूल जाते हैं, लेकिन वहाँ तो न समय की पाबंदी है, न पढ़ाई। ये तो सीधा-सीधा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है!
अधिकारियों की चुप्पी और लचर निगरानी व्यवस्था
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर कितनी शिकायतों के बाद विभाग हरकत में आएगा? क्या ज़मीनी हकीकत से अनजान बनकर बैठा रहेगा सिस्टम?
बायोमेट्रिक सिस्टम पर भी उठे सवाल
अगर शिक्षक विद्यालय समय से पहले छोड़ रहे हैं, तो फिर बायोमेट्रिक उपस्थिति की मॉनिटरिंग कौन कर रहा है? क्या सिस्टम में गड़बड़ी है, या फिर मिलीभगत?
अब वक्त आ गया है कि शिक्षा विभाग जवाब दे।
- विद्यालय समय से पहले क्यों बंद हो रहा है?
- बायोमेट्रिक उपस्थिति का ऑडिट क्यों नहीं हो रहा?
- दोषी शिक्षकों पर कब होगी कार्रवाई?
जब तक ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक लिट्टीपाड़ा जैसे क्षेत्रों में शिक्षा सिर्फ़ एक मज़ाक बनी रहेगी।
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