Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 11:17 am

Search
Close this search box.

70 के दशक का वो कॉमेडियन, जिसने पलट दिए हंसी के तरीके, एक्टिंग ऐसी कि खिलखिला उठते थे लोग, आज भी नहीं भूले 1 किरदार

[ad_1]

मुंबई. बॉलीवुड में लंबे समय से कॉमेडियन्स का जलवा रहा है. ब्लैक एंड व्हाइट पर्दे के दौर से कॉमेडियन्स ने हर बार फिल्मों में लोगों के पेट में गुदगुदी कराई है. कई कॉमेडियन तो ऐसे रहे कि पर्दे पर एंट्री लेने के बाद ताउम्र लोगों को हंसाते रहे. ऐसे ही 1 एक्टर जगदीप भी थे, जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लाखों लोगों का दिल बहलाया.

15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई फिल्म शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले एक्टर जगदीप ने 1939 से लेकर 2020 तक एक शानदार जिंदगी जी है. जगदीप अपने पीछे सैकड़ों किरदार और एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए. जगदीप के लिए फिल्मों में आने का सफर कुदरत का तोहफा रहा था. महज 6 साल की उम्र में अपनी मां के साथ मुंबई आए जगदीप ने बेहद मुफलिसी में दिन काटे. जगदीप की मां यतीम खाने में रोटियां बनाया करती थीं.

नहीं जानते हैं जगदीप का असली नाम?
जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था. पिताजी दतिया में बैरिस्टर थे ये छह भाई बहनों में सबसे छोटे थे. देश आजाद होने के पहले इनके पिताजी का इंतकाल हो गया. इससे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई. देश जब आजाद हुआ तो इनके बड़े भाई बहन पाकिस्तान चले गए. पर इनकी मां ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया और वे नन्हे जगदीप को लेकर बॉम्बे आ गईं. यहां जगदीप की मां यतीम खाने में रोटियां बनाने लगीं. नन्हे जगदीप को मां का दर्द देखा नहीं जाता था. उसने जब देखा कि अन्य बच्चे भी काम करके पैसे कमा रहे है तो उसने भी तय किया कि वह भी काम करेगा. मां के लाख समझाने के बाद भी 6 वर्षीय जगदीप ने सड़कों पर कंघे, साबुन आदि बेचने का काम शुरू कर दिया.

साबुन बेचते समय चमकी जगदीप की किस्मत
एक दिन जब जगदीप सड़क पर साबुन बेच रहे थे तब एक आदमी इनके पास आया और इनसे पूछा की फिल्मों में काम करोगे? जगदीप ने उनसे पूछा यह क्या होता है? क्योंकि गरीबी के कारण उन्होंने कभी कोई फिल्म नहीं देखी थी. उस आदमी ने उन्हें फिल्मों के बारे में बतलाया और यह भी बतलाया कि इसके लिए उन्हें स्टूडियो में जाना पड़ेगा और वह उन्हें कल आ कर ले जायेगा. जगदीप ने उनसे पूछा कि इसके लिए उन्हें कितने पैसे मिलेंगे? तो उस व्यक्ति ने उन्हें बतलाया कि इसके लिए उन्हें 3 रुपये मिलेंगे. जगदीप सुनकर बहुत खुश हुए और वे अगले दिन अपनी मां के साथ स्टूडियो पहुंच गए. जगदीप को फिल्म में दर्शाए जा रहे बच्चों के एक नाटक में दर्शकों के बीच मे बैठना मात्र था. चल रहे नाटक में एक बच्चा एक डायलॉग बोल नहीं पा रहा था. जब जगदीप ने अपने पास बैठे एक अन्य बच्चे से पूछा कि अगर वह यह डायलॉग बोल दे तो क्या होगा? उसने इन्हें बतलाया कि तुम्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे.

पैसों के लिए शुरू की एक्टिंग और बन गए कॉमेडी के किंग
तब जगदीप ने फिल्म में डायरेक्टर से बोला कि यह डायलॉग मैं बोल सकता हूं. तुरंत जगदीप के चेहरे पर दाढ़ी मूछें लगाई गईंऔर जगदीप ने बहुत आसानी से वह डायलॉग बोल दिया. इसके लिए उन्हें 6 रुपये मिले. यह फ़िल्म थी बी आर चोपड़ा की ‘अफसाना’. इसके बाद जगदीप को बालकलाकार के छोटे मोटे रोल मिलने लगे. फणि मजूमदार की फिल्म ‘धोबी डॉक्टर’ में इन्होंने किशोर कुमार के बचपन का रोल निभाया था. इसके रेसेस महान निर्देशक बिमल रॉय ने देखे और वे जगदीप के अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कालजयी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ के लिए इन्हें अनुबंधित कर लिया. यह जगदीप के जीवन का टर्निंग प्वाइंट था. जगदीप ने कई फिल्मों हीरो के रूप में भी अभिनय किया था. फिल्म ‘भाभी’ में उनकी सहनायिका प्रसिद्ध अभिनेत्री नंदा थी. इस फिल्म का गाना …चली चली रे पतंग …बहुत हिट हुआ था.

अमर कर दिया सूरमा भोपाली का किरदार
उन्होंने कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक हास्य अभिनेता के किरदार को जीवंत किया पर फिल्म ‘शोले” के सूरमा भोपाली के किरदार को उन्होंने अमर कर दिया. फिल्म शोले की मूल पटकथा में सूरमा भोपाली का किरदार नहीं था. फिल्म की शूटिंग भी पूरी हो गई थी. बाद में महान पटकथा लेखक सलीम जावेद ने इस किरदार की रचना की और इसके लिए जगदीप साहब की राजी किया. बाद में तो इतिहास गवाह है. जगदीप ने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. जगदीप के बेटे जावेद जाफरी भी बॉलीवुड के एक बड़े एक्टर हैं. जगदीप का 2020 में निधन हो गया. लेकिन उनके सैकड़ों किरदार आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं.

[ad_2]

Source link

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर