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June 26, 2025 6:12 pm

मौत का कुंआ बन गया है घाटचोरा- चंडालमारा पुल।

चार साल में चार की हो चुकी है मौत।

सतनाम सिंह

महेशपुर प्रखंड अंतर्गत घाटचोरा- चंडालमारा पुल टूट जाने के बाद विभाग की पोल खुल गई थी. क्योंकि पुल के जिम्मेदारों ने कभी पुल की देखरेख में दिलचस्पी नहीं ली थी. इस कारण करोड़ो की लागत से बनाई गई पुल बाढ़ के चपेट में आने से ढह गया और अब टूटने के बाद एक के बाद एक हादसे में मौत हो रही है. लेकिन इतने हादसे होने के बाद भी आज तक जिम्मेदारों ने उससे कोई सबक नहीं सीखी. वही घाटचोरा- चंडालमारा पुल को अब मौत का पुल कहा जाए तो कम नहीं है. पुल की दशा ऐसी है कि आप देखने के बाद सिहर जाएंगे. लेकिन पुल के जिम्मेदार व जनप्रतिनिधियों ने तो उधर देखना तक मुनासिब नहीं समझा. अब आलम यह है कि पुल में अब तक पुल से गिरकर एक घायल व चार लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन अभी भी कितनों की जान जाने की बाकी है कुछ कहा नहीं जा सकता.

घाटचोरा-चंडालमारा टूटे पुल मौत के कुएं से कम नहीं

प्रखंड के घाटचोरा- चंडालमारा गांव के बीचों बीच बांसलोई नदी में टूटा हुआ पुल है, जिस पर चलना मौत के कुएं से कम नहीं है. इसे मौत का पुल भी कहा जा सकता है. यह पुल मौत को दावत दे रहा है.

ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाई थी आवाज

आप को बता दें कि जमाल कंस्ट्रक्शन ने पुल का निर्माण 2015 में कराया था. जब पुल का निर्माण हो रहा था तो ग्रामीणों ने इसकी गुणवत्ता को लेकर आवाज उठाई थी. लेकिन उस समय जिम्मेदारों के कान में जूं तक न रेंगी. यह पुल चार साल भी नहीं चल सका. सरकारी धन का किस तरह से बंदरबांट हुआ, इसका नजारा अब पुल टूटने के बाद भी देखी जा रही है.

छह करोड़ में बना था पुल

जानकारी हो कि यह पुल 6 करोड़ के बजट से बनाया गया था. 30 सितंबर 2019 को बांसलोई नदी में आई बाढ़ के बाद 6 करोड़ का पुल 6 मिनट में बह गया था. उसके बाद आवागमन प्रभावित होने से ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

टूटे पुल से चार साल में चार की हो चुकी है मौत

बताते चले कि 2019 में पुल टूटने के बाद यह टूटे पुल से गिरकर विगत 20 नवंबर 2020 से भेंटाटोला निवासी शकल हांसदा, जुगु मुर्मू, फिलिप मुर्मू कुल चार लोगों ने जान गवाई है.

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