इकबाल हुसैन
महेशपुर (पाकुड़)। प्रखंड के पलसा गांव से सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बीडीओ से लिखित शिकायत कर आरोप लगाया है कि गांव की उमेशा खातून नामक महिला एक साथ चार अलग-अलग पदों पर कार्य कर रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार, उमेशा खातून आंगनबाड़ी सेविका, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) जन वितरण प्रणाली विक्रेता, बीएलओ (मतदाता सूची प्रभार) और मनरेगा मजदूर के रूप में काम कर रही हैं। नियमों के खिलाफ यह व्यवस्था लंबे समय से जारी है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि उमेशा खातून के पति अबुल कलाम 2014 से फर्जी तरीके से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यह दोनों पति-पत्नी सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठा रहे हैं, जिससे पात्र लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा। ग्रामीणों ने बीडीओ डॉ. सिद्धार्थ शंकर यादव से मांग की है कि उमेशा खातून को केवल एक ही पद पर कार्य करने की अनुमति दी जाए और अबुल कलाम का पेंशन तुरंत बंद किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। बीडीओ डॉ. सिद्धार्थ शंकर यादव ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है और पूरे मामले की जांच शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बीडीओ ने स्पष्ट कहा कि “सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ पात्र लोगों तक पहुंचे, किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से उम्मीद जताई है कि इस गंभीर मामले में जल्द कार्रवाई होगी ताकि सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।











