राजकुमार भगत
पाकुड़: भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का पर्व भैया दूज इस वर्ष 23 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है, जिसे भ्रातृ द्वितीय भी कहते हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष द्वितीया तिथि का आरंभ 22 अक्टूबर की रात 8:17 बजे और समापन 23 अक्टूबर रात 10:45 बजे होगा। इसलिए 23 अक्टूबर को भैया दूज शास्त्र अनुसार मनाया जाएगा।
भैया दूज बनाने का शुभ मुहूर्त।
भाई दूज पर शुभ चौघड़िया मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस बार दोपहर 12:05 से 2:54 बजे तक भैया दूज मनाना सर्वोत्तम समय है। इसी दौरान 1:30 से 2:54 बजे तक अमृत चौघड़िया मुहूर्त भी है। इसके अलावा 1:13 से 3:28 बजे तक भी पूजा की जा सकती है। ध्यान रहे, अलग-अलग स्थानों पर मुहूर्त समय में थोड़ा अंतर हो सकता है।
भैया दूज की मान्यताएं।
शास्त्रों के अनुसार भाई दूज की परंपरा भगवान यमराज से जुड़ी है। कथा के अनुसार, यमराज ने वरदान दिया कि जो भाई द्वितीया तिथि को बहन के हाथों मस्तक पर तिलक कर भोजन करता है, उसके जीवन में अकाल मृत्यु का योग नहीं बनेगा। इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं। इसलिए यमुनातट पर भाई दूज का पूजन करना विशेष शुभ और लाभकारी माना गया है।











