पाकुड़। धनतेरस का पर्व दीपोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन न सिर्फ धन की देवी लक्ष्मी बल्कि आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की आराधना का भी अवसर है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर को
वर्ष 2025 में धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:00 बजे तक रहेगी। शुभ खरीदारी मुहूर्त शाम 7:16 से रात 8:20 बजे तक रहेगा।
इस दिन पारंपरिक रूप से लोग सोना, चांदी, बर्तन, आभूषण और नए वस्त्र खरीदते हैं। माना जाता है कि इससे घर में स्थायी सुख-समृद्धि आती है।
इस बार नहीं बन रहे शुभ नक्षत्र
पंचांग के अनुसार इस बार न तो रोहिणी और न ही पुष्य जैसे शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। इस वर्ष रेवती नक्षत्र रहेगा, जिसे लोहे की वस्तु, वाहन या बड़ी संपत्ति की खरीदारी के लिए शुभ नहीं माना जाता। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन भारी वस्तुएं या प्रॉपर्टी लेने से बचना ही बेहतर रहेगा।
धनतेरस पर यम दीप का विशेष महत्व
धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विशेष विधान है। शाम के समय दक्षिण दिशा में दीप जलाने की परंपरा है, जिसे ‘यम दीपदान’ कहा जाता है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
खरीदें।
सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, झाड़ू और धनिया — ये वस्तुएं घर में लक्ष्मी का वास लाती हैं।
न खरीदें।
लोहे या एल्युमिनियम की वस्तुएं, कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन, और काले रंग के सामान — इन्हें इस दिन अशुभ माना गया है। रेवती नक्षत्र के कारण वाहन और प्रॉपर्टी की खरीदारी से भी बचना चाहिए।
अक्टूबर में अन्य शुभ मुहूर्त
15 अक्टूबर: सुबह 10:33 से दोपहर 12:00 बजे तक
16 अक्टूबर: सुबह 6:22 से 18 अक्टूबर सुबह 6:24 तक
23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर: सुबह 6:27 से सुबह 6:28 तक।