बजरंग पंडित
पाकुड़। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और बचपन बचाओ आंदोलन (BBA) ने संयुक्त अभियान चलाकर ट्रेन संख्या 15228 (स्मार्ट सिटी एक्सप्रेस) में बाल तस्करी का पर्दाफाश किया। इस दौरान चार नाबालिग बच्चों को बचाया गया और दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया। घटना 20 जनवरी 2025 की है, जब शाम 4:30 बजे आरपीएफ को सूचना मिली कि कुछ तस्कर चार नाबालिग बच्चों को बेंगलुरु ले जा रहे हैं। सूचना को पाकुड़ आरपीएफ पोस्ट के जनरल डायरी नंबर 32 में दर्ज किया गया। इसके बाद एएसआई प्रकाश मंडल के नेतृत्व में आरपीएफ टीम (एचसी तपन मृधा, एचसी आशिष कुमार और कांस्टेबल मोहम्मद एस. आलम) ने ट्रेन संख्या 15228 पर पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर सवार होकर तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी के दौरान टीम ने ट्रेन के एसएल कोच नंबर S-1 में दो संदिग्ध व्यक्तियों को चार नाबालिग बच्चों के साथ देखा। पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें बेंगलुरु में मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। दोनों व्यक्तियों ने अपनी पहचान अनिल कुमार (38 वर्ष), निवासी भुटा, थाना बसनही, जिला सहरसा, बिहार, और श्याम कुमार (29 वर्ष), निवासी सौरायडीह, थाना गंगौर, जिला खगड़िया, बिहार, के रूप में बताई। बचाए गए नाबालिग बच्चों में प्रताप कुमार (14 वर्ष), शिव कुमार (12 वर्ष), मनु कुमार (12 वर्ष), और विक्रम कुमार (17 वर्ष) शामिल हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे बच्चों को बेंगलुरु ले जाकर मजदूरी के लिए लगाते थे और प्रत्येक बच्चे के लिए ₹600 का भुगतान प्राप्त करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे इससे पहले भी बच्चों को तस्करी के जरिए बेंगलुरु ले जा चुके हैं। रामपुरहाट स्टेशन पर शाम 6:40 बजे ट्रेन के पहुंचने पर आरपीएफ ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया और 7:30 बजे गिरफ्तार किया। उनके पास से दो आधार कार्ड और रेलवे के ईएफटी टिकट जब्त किए गए। अनिल कुमार के पास से आधार कार्ड नंबर 6157 3835 0106 और रेलवे ईएफटी नंबर G-336913 तथा श्याम कुमार के पास से आधार कार्ड नंबर 2934 4651 4565 और रेलवे ईएफटी नंबर 178231 बरामद किया गया। घटना के संबंध में आरपीएफ के एएसआई प्रकाश मंडल ने शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर जीआरपी संतिया ने केस नंबर 06/2025, दिनांक 21.01.2025, धारा 143(5) BNS और बाल श्रम अधिनियम की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया। मामले की जांच जारी है।