कृषि, मत्स्य, उद्यान और पशुपालन विभागों की योजनाओं की हुई विस्तृत समीक्षा — किसानों को राहत देने पर जोर।
पाकुड़। उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में रबी मौसम की तैयारियों, बीज वितरण, फसल सुरक्षा कार्यक्रम, मत्स्य, उद्यान, पशुपालन समेत विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। उपायुक्त ने रबी मौसम के लिए बिरसा बीज विनिमय, वितरण और बीजोत्पादन योजना की स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली। जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जिले को 2200 क्विंटल गेहूं, 200 क्विंटल चना और 50 क्विंटल सरसों बीज आवंटित किया गया है। अब तक गेहूं के 2150 क्विंटल, चना के 170 क्विंटल और सरसों के 50 क्विंटल बीज की आपूर्ति की जा चुकी है। उपायुक्त ने सभी प्रखंडों में ससमय, पारदर्शी और ईमानदारीपूर्वक बीज वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिरसा फसल विस्तार योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत शत-प्रतिशत अनुदान पर मिलने वाले बीजों को पीवीटीजी, एससी और एसटी समुदायों को प्राथमिकता के साथ क्लस्टर आधारित तरीके से दिया जाए।
फसल सुरक्षा और मृदा स्वास्थ्य योजनाओं की भी हुई समीक्षा
फसल सुरक्षा कार्यक्रम व आम्लिक मिट्टी सुधार योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आवश्यक उपादान का क्रय निविदा प्रक्रिया से शीघ्र किया जाए। उन्होंने आत्मा योजनाओं के तहत किसानों के लिए अंतरराज्यीय प्रशिक्षण कार्यक्रम देश के प्रतिष्ठित कृषि संस्थानों में कराने के निर्देश भी दिए। मृदा स्वास्थ्य योजना की समीक्षा में उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड सृजन और वितरण का लक्ष्य शीघ्र पूर्ण करने पर जोर दिया, ताकि किसान वैज्ञानिक अनुशंसा के अनुसार उर्वरक का उपयोग कर सकें।
मत्स्य, उद्यान और पशुपालन योजनाओं पर भी निर्देश
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने वेद व्यास योजना के लाभुक चयन व सत्यापन कार्य शीघ्र पूरा करने और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभुकों को चयनित कर स्पॉन वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उद्यान विभाग को उन्होंने मशरूम, ओल, अदरक और फूलों की खेती के लिए चयनित लाभुकों को प्रशिक्षण और किट वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। पशुपालन प्रभाग को बकरी, बत्तख, मुर्गा और गौ पालन योजनाओं के लाभुकों को अनुमोदन के बाद योजनाएं शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया गया।
केसीसी और ऋण योजनाओं पर दिया गया विशेष जोर
बैठक में बैंकिंग सेक्टर की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने शाखा प्रबंधकों से कहा कि लंबित केसीसी आवेदनों की पुनः जांच कर शीघ्र स्वीकृति सुनिश्चित करें। साथ ही पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि और अन्य ऋण योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किया जाए। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, आत्मा के परियोजना निदेशक, विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।











