पाकुड़, उपायुक्त मनीष कुमार ने आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति और उपलब्धियों को लेकर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को जिले में अभियान की रूपरेखा, गतिविधियाँ और आगे की योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उपायुक्त ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य आदिवासी बहुल गांवों में आत्मनिर्भरता, सेवा भावना और सतत विकास को सुनिश्चित करना है। जिले के प्रत्येक चयनित गांव में कम से कम 20 कर्मयोगियों—आदि साथी, आदि सहयोगी और आदि कर्मयोगी—का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि देशभर में यह पहल 1 लाख गांवों और 20 लाख कर्मियों के माध्यम से संचालित की जा रही है। अभियान के तहत प्रत्येक गांव के लिए विलेज एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा गया है। धनबाद में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देने के बाद ब्लॉक स्तर पर ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किए गए ताकि अभियान का संदेश गांव-गांव तक पहुंचे।
उपायुक्त ने बताया कि 6 सितंबर से अभियान की गतिविधियाँ शुरू हुईं। 15 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 2 अक्टूबर तक जिले के लगभग 400 गांवों में विशेष ग्राम सभाएँ आयोजित की गईं, जिनमें ग्रामीणों ने विकास संबंधी सुझाव दिए। इन सुझावों के आधार पर विलेज एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही आदि सेवा केंद्रों को सक्रिय किया गया और कई पंचायत भवनों में उन्हें सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अभियान के अंतर्गत पौधारोपण, स्वास्थ्य जागरूकता, शिक्षा संवर्धन, नशामुक्ति और कौशल प्रशिक्षण जैसी गतिविधियाँ भी विशेष रूप से प्रोत्साहित की गई हैं। उपायुक्त ने कहा कि यह अभियान सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि जनसेवा और आत्मनिर्भरता का लोक आंदोलन है। हर गांव अपनी विकास यात्रा स्वयं तय करेगा और कर्मयोगियों को निष्ठा और सेवा भाव के साथ जुड़ना होगा।
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की प्रतिनिधि सुश्री सुचिस्मिता सेनगुप्ता ने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित आदि सेवा पर्व के दौरान पूरे देश में प्रत्येक गांव के लिए विकास योजनाओं का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि देशभर में 20 लाख से अधिक वालंटियरों को प्रशिक्षित किया गया और पाकुड़ जिले में 400 गांवों का विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार हो चुका है।
सुश्री सेनगुप्ता ने कहा, “पाकुड़ जिले में आदि सेवा कार्य प्रभावी रूप से संचालित हो रहे हैं और इनके प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं।
