झुनझुन वाला, हृदया तोडई वाला,देवा तोड़ाईं वाला, जेंका मुफस्सिल थाना,दुलाल,बप्पी, पप्पू, नगर क्षेत्र यह सभी फर्जी एटीएम टिकट के बेताज बादशाह है जिम्मेदार की मेहरबानी पर।
पाकुड़: जिले में फर्जी एटीएम टिकट का गोरखधंधा तेजी से पैर पसार रहा है। स्थानीय स्तर पर यह अवैध कारोबार झुनझुन वाला और आशीष बिहार वाले के इशारे पर संचालित हो रहा है। इसके कई नुमाइंदे हर क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो खुलेआम चौराहों, गली-मोहल्लों और बाजारों में इस फर्जी टिकट की बिक्री कर रहे है। पाकुड़ के तोराई गांव में हृदया नाम का व्यक्ति इस काले धंधे को बड़े पैमाने पर चला रहा है। इसके अलावा नगर क्षेत्र में पप्पू, बाप्पी, दुलाल और जेंका जैसे लोग सक्रिय रूप से इस गोरखधंधे को आगे बढ़ा रहे हैं। इन लोगों ने पूरे जिले को अपनी गतिविधियों का केंद्र बना लिया है, लेकिन प्रशासन इनपर कार्रवाई करने में पूरी तरह नाकाम है। इस अवैध कारोबार ने कई लोगों की मेहनत की कमाई छीन ली है। फर्जी एटीएम टिकट का लालच देकर लोगों को ठगा जा रहा है, और यह धंधा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके, पुलिस प्रशासन इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस गोरखधंधे को कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिसकी वजह से पुलिस तकरीबन मूकदर्शक बनी हुई है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी या तो इस गोरखधंधे की जानकारी से अनजान हैं या फिर जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। सवाल उठता है कि इन अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या यह केवल प्रशासन की लापरवाही है, या इसके पीछे कुछ बड़े नाम छिपे हैं?
फर्जी एटीएम टिकट के इस अवैध कारोबार ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। जनता प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
फिलहाल, सवाल यह है कि क्या झुनझुन वाला और उसके नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई होगी? या फिर यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा? अब देखना यह है कि पाकुड़ प्रशासन जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है या इस अवैध कारोबार को नजरअंदाज करता रहता है।