जितेंद्र यदुवंशी
पाकुड़ जिला में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है बारिश नहीं होने से किसानों की बेचैनी बढ़ गई है बारिश नहीं होने से क्षेत्र का मुख्य फसल धान की फसल सूखने लगी है, पानी न होने से धान लगे खेतों में दरार पड़ने लगी है फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग से मिलने वाला अनुदान के लिए क्षेत्र के किसानों को प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है, किसानों का धान मर जाएगा यही वजह है कि किसानों ने बताया कि लगातार तेज धूप और दूसरी तरफ बारिश नहीं होने से खेतों की नमी कम पड़ रही है अगर जल्द एक-दो दिन में बारिश नहीं होती तो 40% धान बर्बाद हो जाएगा। किसानों के लिए खेती ही सब कुछ है। किसान खेती के बल पर ही जीता है और अपना जिंदगी का गुजारा करते हैं। खेतों में फसल की स्थिति बहुत ही खराब होती जा रही है अब तो सब भगवान के हाथों पर है।