राज कुमार भगत
पाकुड़। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं सरकार के निर्देशानुसार संपूर्ण झारखंड मे आम जनों के साथ-साथ स्कूल कॉलेज में फाइलेरिया की दवा खिलाई जा रही है । इस क्रम में शुक्रवार को स्थानीय बाल विद्यापीठ भगत पाड़ा पाकुड़ में नर्सरी से पंचम तक के बच्चों, उनके अभिभावाक के साथ-साथ शिक्षकों को फाइलेरिया निरोधी दवाई खिलाई गई । इस संबंध में विद्यालय के निदेशक राजकुमार भगत ने बताया कि उपायुक्त पाकुड़ प्रेरणा से अभिभावकों में भी दवा के प्रति उत्साह है । अभिभावक भी विद्यालय में दवा का सेवन किया। निदेशक श्री भगत ने बताया की फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जो लगातार मच्छर के काटने से होता है। एक बार फाइलेरिया हो जाने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है और जिंदगी भर आप हाथी पांव के साथ रहेंगे। जो बहुत ही कष्टदायक है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी कोई जांच नहीं है । इसका पता लगने में 10 से 15 साल लग जाते हैं। उसके बाद आपका कोई इलाज नहीं होगा। इससे बचाव का एक ही तरीका है कि आप फईलेरिया होने से पहले लगातार हर साल फाइलेरिया निरोधी दवा खाएं। लंबाई ऊंचाई तथा वजन के हिसाब से फाइलेरिया की खुराक दी जाती है। श्री भगत ने बताया कि हर कोई को दवा का सेवन करना चाहिए। इसमें लापरवाही हानिकारक हो सकता है।