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रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. झारखंड के प्रसिद्ध नरसिंह स्थानमें इस वर्ष मेला कार्तिकपूर्णिमा के दिन 27 नवंबर को आयोजित होगा. यह मेल हजारीबाग ही नहीं वरण पूरे झारखंड में में प्रसिद्ध है. इस मेले में विभिन्न जिलों के श्रद्धालु मुंडन करवाने के लिए पहुंचते हैं. साथ ही मेले में भगवान नरसिंह के प्रिय व्यंजन ईख का प्रदर्शनी लगती है. जिसमें प्रदेश भर के गन्ना किसान अपना गन्ना बेचने के लिए आते है.
मंदिर में भगवान विष्णु के दशा अवतार सहित भगवान नरसिंह की स्थापना की गई है. मंदिर के कपाट गृह में भगवान नरसिंह कि प्रतिमा स्थापित की गई है. वहीं कपाट गृह में ही कुछ दूरी पर भगवान शिव का शिवलिंग भी विराजमान है. भगवान नरसिंह का यह मंदिर हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के खपरियावां पंचायत में स्थित है.
27 नवंबर को लगेगा नारसिंह मेला
इस संबंध में मंदिर के पूजा प्रभारी उपेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि इस वर्ष 27 नवंबर को यहां पर नरसिंह मेले का आयोजन होगा. जिसको लेकर अब तैयारी शुरू हो चुकी है. मंदिर में नए तरीके से रंग रोगन करवाया जा रहा है. साथ ही मेले के दिन तक मंदिर के चारों ओर दूधिया लाईट में जगमगा उठेगा. यह मंदिर उन स्थानों में से एक है जहां जाकर भक्तों को सभी तरह के मनोवांछित फल मिलता है. भगवान नरसिंह को गन्ने और गेंदा फूल का भोग लगता है. जिस कारण मेले के लगभग 100 ट्रक से अधिक गन्ने की खपत यहां होती है.
प्रदेश भर से आते है भक्त
उपेंद्र कुमार मिश्रा आगे कहा कि इस मंदिर की स्थापना 1632 ईस्वी में पंडित दामोदर मिश्र के द्वारा किया गया था तब से ही यहां पर भक्तगणों का तांता लगा रहता है पूरे प्रदेश भर के भक्त यहां पर मनोवांछित फल पाने को आते हैं. साथी शादी के लिए और बच्चों के मुंडन के लिए यहां सैकड़ो भक्त रोजाना आते हैं. इस मंदिर एक मान्यता यह भी है कि मंदिर में अखंड दीप ज्योति और परिक्रमा कभी व्यर्थ नहीं जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 14:34 IST
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