बजरंग पंडित
पाकुड़ परखंड के नरोत्तमपुर पंचायत में मुखिया द्वारा मनमानी तरीके से सूची जारी की गई है, जिसमें केवल मुखिया के गांव के लाभुकों का नाम है। इस पंचायत में 6 गांव हैं, लेकिन मुखिया के गांव जोगीगरिया में ही 170 अबुआ आवास दिए गए हैं, जबकि अन्य गांवों में महज 6 से 8 घरों को ही लाभ मिला है। इस मामले में नरोत्तमपुर, बिक्रमपुर, रामचंदपुर, बिरगोपालपुर और तिलभिता जैसे गांवों के नाम ही सूची में नहीं हैं। इससे इन गांवों के निवासियों में आक्रोश है। मुखिया की इस मनमानी कार्रवाई से पंचायत के अन्य गांवों के लोगों को लगता है कि उन्हें अनदेखा किया जा रहा है। इस मामले में जिला प्रशासन से जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। नरोत्तमपुर पंचायत के निवासियों ने कहा है कि मुखिया को अपने पद की जिम्मेदारी के अनुसार काम करना चाहिए और भेदभाव करने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। इस मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि मुखिया द्वारा मनमानी तरीके से सूची जारी की गई है, जो न्यायसंगत नहीं है।
इस मामले में पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने एक समिति गठित की है, जो इस मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। इस मामले को लेकर पंचायत के निवासियों में आक्रोश है, और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे और न्याय प्राप्त करने तक नहीं रुकेंगे।
मुख्यालय से जुड़ी खबर:
इस मामले में झारखंड सरकार के पंचायती राज मंत्री ने कहा है कि वे इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा है कि सरकार गरीबों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
विरोध प्रदर्शन:
नरोत्तमपुर पंचायत के निवासियों ने मुखिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने मुखिया के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि वे