पाकुड़। नवरात्रि और दुर्गा पूजा की भव्यता ने इस बार पूरे नगर को रोशनी, सजावट और भक्ति के रंग में डुबो दिया है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में सुबह से लेकर देर रात तक पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। हर गली और चौक पर बने पंडाल थीम आधारित आकर्षक सज्जा के कारण श्रद्धालुओं का मन मोह रहे हैं। अष्टमी की पूजा और संधि पूजा के दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा। ढोल-ढाक, शंख-घंटा और आरती की ध्वनि से पूरा नगर गूंज उठा। भगतपाड़ा, राजा पाड़ा, कलिकापुर, तलवाडंगा, नारी शक्ति क्लब, रेलवे कॉलोनी से लेकर सद्भावना केंद्र तक हर पंडाल अपनी खास पहचान और सज्जा से लोगों को आकर्षित कर रहा है। कहीं पारंपरिक वैदिक पूजा हो रही है तो कहीं बांग्ला रीति से माता की आराधना, कहीं विशेष डांडिया का आयोजन है तो कहीं आकर्षक झांकियों ने लोगों को घंटों बांधे रखा। नगर के पुराने मंदिरों और स्थायी पूजा स्थलों पर भी देवी मां की आराधना पूरे रीति-रिवाज के साथ की जा रही है। मां सिंह वाहिनी मंदिर में परंपरा के अनुसार बलि दी गई, वहीं तलवाडंगा में 108 भुजाओं वाली मां भगवती की प्रतिमा भक्तों के लिए विशेष आकर्षण बनी हुई है। पूरे शहर में विद्युत सज्जा, मधुर देवी गीत और प्रसाद वितरण ने इस पर्व को और खास बना दिया है। प्रशासन की ओर से सीसीटीवी कैमरे और पुलिस बल की तैनाती से सुरक्षा पुख्ता की गई है। साफ-सफाई और व्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं की सुविधा को और आसान बनाया है। नवरात्रि के नौ दिनों तक पाकुड़ की फिज़ाओं में भक्ति, आस्था और उमंग का रंग छाया रहेगा। मां दुर्गा की आराधना ने पूरे नगर को एक सूत्र में बांध दिया है, जहां हर कोई केवल एक ही भाव में लीन है—जय मां दुर्गा।

