पाकुड़। बाल दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में शुक्रवार को पाकुड़ राज प्लस टू स्कूल में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश पर तथा सचिव रूपा बंदना किरो की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस दौरान जिला स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सचिव रूपा बंदना किरो ने छात्र-छात्राओं को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है। यह अधिनियम बाल विवाह को पूरी तरह प्रतिबंधित करता है तथा ऐसे विवाह कराने या बढ़ावा देने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर भी प्रकाश डाला—कम उम्र में विवाह से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, शिक्षा बाधित होती है, घरेलू हिंसा और गरीबी का खतरा बढ़ता है तथा भविष्य के अवसर सीमित हो जाते हैं। साथ ही उन्होंने बाल श्रम कानून की जानकारी देते हुए कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटल, फैक्ट्री या अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम पर रखना कानूनन अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान है। कार्यक्रम में छात्रों को उनके अधिकारों, विधिक सहायता सेवाओं और आवश्यक कानूनी प्रावधानों से भी अवगत कराया गया। मौके पर प्रधानाध्यापक, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं और पैरा लीगल वॉलंटियर्स मौजूद थे।











