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November 22, 2024 6:11 am

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लिट्टीपाड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा पत्र

राहुल दास

हिरणपुर (पाकुड़): लिट्टीपाड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को लेकर जबरदहा पंचायत समिति सदस्य विकास कुमार दास ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भेजकर मांग किया है। पंस सदस्य ने कहा है कि झारखण्ड के संथालपरगना क्षेत्र में लचर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजना में प्रस्तावित पाकुड जिले के आदिम जनजाति पहाड़िया व आदिवासी बाहुल्य लिट्टीपाड़ा में मेडिकल कॉलेज निर्माण की दिशा में आवश्यक पहल किया जाय। इस दुर्गम क्षेत्र में मलेरिया , डायरिया , कालाजार आदि जैसी जानलेवा बीमारियों के कारण डेंजर जोन बना हुआ है। इस बीमारियों की प्रकोप से से हर वर्ष कईयों की जान चली जा रही है। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहे पहाड़िया व आदिवासी इस बीमारियों के कारण असमय काल के गाल समा रहे है। जिसकारण इनकी जनसंख्या भी निरन्तर घट रही है। भौगोलिक दृष्टिकोण से लिट्टीपाड़ा पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्र होने के कारण यहाँ के लोगो को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था नही पहुंच पाता है। वही लोगो मे जागरूकता की कमी के कारण आज भी लोग झाड़फूंक व टोटका के सहारे इलाज कराने को मजबूर है। इस क्षेत्र में कोयले व पत्थरो की बड़ी बड़ी खदानें संचालित है। सड़को पर भारी वाहनों से परिचालन के कारण आये दिन सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही है। बिडम्बना यह है कि 100 किमी की दायरे में पाकुड़ सदर अस्पताल के अलावे कोई बड़ी सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज नही है। इलाज के अभाव में दुर्घटनाग्रस्त लोगो की मौत हो रही है। इस क्षेत्र में यदि मेडिकल कॉलेज का निर्माण होता तो पाकुड़ सहित साहेबगंज व गोड्डा जिले के लोग भी लाभावन्तित होते। लोगो को समुचित स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साथ इस दुर्गम क्षेत्र में विकास व रोजगार के नए अवसर पर मिलेंगे। लिट्टीपाड़ा सबसे पिछड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में लिट्टीपाड़ा को गोद भी लिया था। दूसरे कार्यकाल में देश के सबसे पिछड़े 10 प्रखंडो में शामिल किया था। जिससे कि विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।पर बिडम्बना यह है कि केंद्र सरकार ने इस पिछड़े प्रखंड को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी योजना का सौगात नही दिया। जिसकारण बीते 10 वर्षो से लोग ठगा महसूस कर रहा है। इस क्षेत्र का विकास व रोजगार मात्र सरकार के भरोसे है। सरकार की मेडिकल कॉलेज , नर्सिंग कॉलेज , इंजीनियरिंग कॉलेज , रेलवे परियोजना , खेल स्टेडियम जैसी योजनाओ से इस क्षेत्र में रोजगार व विकास की द्वार खुलेंगे। अतः लिट्टीपाड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी जाय।

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