Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 5:05 am

Search
Close this search box.

आटा या मैदा नहीं…इस मल्टीग्रेन से तैयार होती है यहां लिट्टी! विदेशों तक से चखने आते हैं लोग

[ad_1]

कुंदन कुमार/गया : अब तक आपने गेंहू के आंटा और सतू से बना लिट्टी चोखा का स्वाद चखा होगा, लेकिन आज हम एक ऐसे लिट्टी चोखा के बारे में बताने जा रहे हैं कि शायद ही आपने ऐसे लिट्टी चोखा का स्वाद चखा होगा. जी हां, बिहार के गया जिले के बोधगया में मल्टीग्रेन से लिट्टी तैयार की जा रही है. इसकी खूब डिमांड हो रही है.

गेहूं के आटे के साथ में मोटा अनाज जिसमें मड़ुवा, मक्का, ज्वार, बाजरा और राई का इस्तेमाल किया जाता है. सभी आटा को मिलाकर गूथा जाता है और इसमें सत्तू भरकर आग पर पकाया जाता है. यहां की लिट्टी चोखा की खासियत यह है कि यहां पर लिट्टी और चोखा का सारा मैटेरियल गोइठा के आग पर हीं पकाया जाता है.

देसी ही नहीं विदेशी भी हैं स्वाद के दीवाने

बोधगया महाबोधि संस्कृति केंद्र के सामने यह लिट्टी चोखा का दुकान पिछले 3 महीने से चल रही है. इस लिट्टी का स्वाद चखने देसी और विदेशी हर तरह के लोग पहुंचते हैं. विभिन्न पोषक तत्व से भरपूर इस लिट्टी चोखा की डिमांड इतनी है कि रोजाना 300-400 पीस लिट्टी की बिक्री हो जाती है. एक लिट्टी की कीमत 25 रुपया है. लिट्टी चोखा का स्वाद चखने वाले लोग बताते हैं कि दो लिट्टी में उनका पेट भर जाता है और इसका स्वाद भी लाजवाब है. मोटा अनाज मिले होने के कारण इसका टेस्ट बिल्कुल अलग है.

मल्टीग्रेन का इस्तेमाल करने का यहां से आया आइडिया

मोटे अनाज का इस्तेमाल कर लिट्टी चोखा बनाने वाले बोधगया के भागलपुर के रहने वाले दुकानदार रोशन कुमार बताते हैं कि हरिद्वार में स्थित पतंजलि आश्रम से इन्हें लिट्टी चोखा में मल्टीग्रेन का इस्तेमाल करने का आइडिया आया था. वहां पर खाने के हर चीज में मोटे अनाज का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है. चूंकि बिहार का लिट्टी चोखा काफी प्रसिद्ध है और यहां बाहर से आने वाले लोग इसे खूब पसंद करते हैं. लेकिन इनके एक दोस्त ने बोधगया और बिहार के लिट्टी चोखा का टेस्ट उन्हें पसंद नहीं आया. जिसके बाद इन्होंने लिट्टी में मल्टीग्रेन का इस्तेमाल कर लिट्टी चोखा का दुकान लगाने का सोचा.

सात्विक भोजनम् नाम का यह लिट्टी-चोखा दुकान है प्रसिद्ध

शुरुआत के दिनों में 10 रुपये पीस लिट्टी बेचता था, लेकिन इस की लागत प्रति पीस लगभग 25 रुपया पड़ता है. अब भी बिना प्रॉफिट बिना लॉस के लिट्टी चोखा की बिक्री कर रहे हैं. अब इस लिट्टी चोखा की डिमांड इतनी ज्यादा है की हर वर्ग और विदेशी पर्यटक भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं. बोधगया नोड वन महाबोधि संस्कृति केंद्र के सामने सुबह 7 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक सात्विक भोजनम् नाम का यह लिट्टी चोखा का दुकान खुला रहता है.

Tags: Bihar News, Food 18, Gaya news, Local18, Street Food

[ad_2]

Source link

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर