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शशिकांत ओझा/पलामू. लोक आस्था का महापर्व छठ को कहा गया है.इस पर्व में अस्तचलगामी और उद्यमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.इस पर्व को लोग नदी, तालाबों, आवास तथा सूर्य मंदिर में बड़े धूम धाम से मनाते है. झारखंड बिहार में इसकी भारी महता है.आस्था और मान्यता से जुड़ा पलामू में प्राचीन सूर्य मंदिर है.जहां भगवान भास्कर तीन रूपों में विराजमान है. सुबह शाम इनकी पूजा होती है.वहीं छठ पर्व में यहां मेले जैसा नजारा होता है.
मंदिर के पुजारी इंद्र देव पांडेय ने कहा कि शास्त्रों में वर्णती ” प्रातः स्नान ब्रंभ रूपेण, मध्य शिव शंकरे संध्या विष्णु रूपेण सूर्य देवाय नमो नमः” श्लोक के आधार पर भगवान सूर्य को तीन रूपों में इस मंदिर में स्थापित किया गया है. मंदिर का निर्माण 1994 में तत्कालीन चेयरमैन नर्मदेश्वर सिंह द्वारा कराया गया.इस मंदिर में मुख्य दरबार में भगवान सूर्य ब्रम्भ रूप, मध्य में शिव रूप और विष्णु रूप में विराजमान है.इस मंदिर की ऊंचाई करीब 100 फिट है.वहीं मंदिर परिसर में भगवान शिव और माता भगवती का भी दरबार है.इसके अलावा नगर निगम द्वारा बच्चो के खेलने के लिए झूले भी लगाए गए है.
छठ में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भिड़
उन्होंने आगे कहा कि भगवान का दरबार सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है. श्रद्धालु यहां हमेशा पूजा अर्चना करने आते है.खास तौर पर छठ पूजा में श्रद्धालुओं की भिड़ उमड़ती है.हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा यहां पूजा अर्चना की जाती है.छठ पर्व के दिन भगवान का दरबार दिन भर खुला रहता है.वहीं छठ में शहर के साथ पूरे जिले भर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 16:25 IST
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