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March 27, 2025 6:45 am

सोहराय पर्व के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए विधायक।

झामुमो युवा नेत्री उपासना मरांडी ने ग्रामीणों के साथ किया सांस्कृतिक कार्यक्रम।

इकबाल हुसैन

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जयनगरा पंचायत के खुरुकडांगा ग्राम में सोहराय पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक प्रो .स्टीफन मरांडी एवं झामुमो की युवा नेत्री उपासना मरांडी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई। वही मुख्य अतिथि के पहुंचने से ग्रामीणों ने माला पहनाकर एवं आदिवासी रितिरिवाज में नाचगान गाकर स्वागत किया । वही विधायक प्रो.मरांडी ने बताया कि प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए यह पर्व आस्था की सबसे बड़ी पर्व है। दिशोम सोहराय पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।यह प्रकृति एवं पशु-पक्षियों के प्रति श्रद्धा एवं देवी-देवताओं के प्रति विश्वास का पर्व है।सोहराय पर्व फसल काटने के बाद पूस माह में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रत्येक संथाल आदिवासी परिवार अपने संबंधियों को आमंत्रित करतें है। खास करके यह पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ता को भी समेटता है। छह दिन तक चलने वाले इस पर्व में आदिवासी लोग न केवल अपने देवी देवताओं एवं इष्ट देव की पूजा करते हैं।अपितु गाय,भैंस,बैल की भी पूजा करते हैं। 6 दिन तक चलने वाली इस पर्व का प्रत्येक दिन का अपना अलग-अलग महत्व और नाम भी होता है।इस पर्व के आखरी दिन आदिवासी समुदाय के लोग सभी प्रकार की नियम निष्ठा को मनाते हुए एक जगह सभी पुरुष-महिलाएं एकत्रित होकर सांस्कृतिक नाच-गान करते हैं और सोहराय पर्व का उत्साह के साथ समापन करते हैं झामुमो युवा नेत्री उपासना मरांडी ने कहा कि जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हमसभी को एकजुट होने की जरूरत है। आज प्रकृति को संरक्षित करने में आदिवासी समाज की अहम भूमिका है। इस भौतिकवादी युग में जल,जंगल और जमीन से छेड़छाड़ हो रहा है। आदिवासी समाज हमेशा से जल-जंगल और जमीन की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है। इसलिए जरूरत है कि समाज के सभी लोग मिलजुल कर जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा के संरक्षण के लिए आगे आएं।आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।राज्य सरकार द्वारा आदिवासी योजना के तहत जनजातियों के आर्थिक, समाजिक एवं सर्वांगीण विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी कार्य किए जा रहे है।
कई महत्वपूर्ण योजनाएं भी संचालित की गई हैं।यहां के जनजातियों का एकीकृत ढंग से विकास करना, जनजातियों को सुरक्षा देना एवं जनजातियों को शोषण मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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