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रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा. एक वक्त ऐसा था जब उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बच्चों को डराने के लिए बिच्छू घास (Nettle Grass Products) का प्रयोग किया जाता था, लेकिन आज वक़्त बदल चुका है. अब इसके कई खाद्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं. अल्मोड़ा में रहने वाली डॉक्टर वसुधा पंत ने तीन साल पहले बिच्छू घास को लेकर शोध की थी. रिसर्च पूरी होने के बाद अब उन्होंने बिच्छू घास से अलग-अलग प्रोडक्ट बना दिए हैं, जो जल्द ही बाजार में देखने को मिलेंगे.
डॉ वसुधा पंत ने ‘लोकल 18’ से बातचीत में बताया कि उन्होंने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय हिमालय अध्ययन मिशन के अंतर्गत बिच्छू घास पर शोध कार्य किया था. शोध में पता चला कि बिच्छू घास कितनी उपयोगी है. उसके बाद उन्होंने सबसे पहले इसकी चायपत्ती बनानी शुरू की और अब उनकी टीम करीब 15 प्रोडक्ट बना रही है. इसमें बिच्छू घास की चायपत्ती, मिक्स आटा, पैन केक मिक्स, चीला मिक्स, कटलेट मिक्स, नमक, सूप, नमकीन, बड़ी (पारंपरिक व्यंजन) और विभिन्न प्रकार के स्नैक्स हैं, जो जल्द ही बाजार में उतारे जाएंगे.
लोगों को पसंद आएंगे बिच्छू घास के प्रोडक्ट
डॉ वसुधा पंत ने आगे कहा कि बिच्छू घास से बनने वाले करीब 15 प्रोडक्ट बाजार में उतारे जाएंगे. इन्हें नेटल ऑफ हिमालय (Nettle of Himalaya) के अंतर्गत बाजार में उतर जाएगा. उन्होंने कहा कि बिच्छू घास से बनने वाले तमाम प्रोडक्ट लोगों के लिए काफी फायदेमंद होंगे, क्योंकि इसमें कई प्रकार के पौष्टिक तत्व उपलब्ध हैं. उनका मानना है कि बिच्छू घास के ये प्रोडक्ट्स लोग लोगों को काफी पसंद आएंगे.
बिच्छू घास के प्रोडक्ट शरीर के लिए फायदेमंद
प्रोडक्शन इंचार्ज जयेश पंत ने कहा कि बिच्छू खास से बनने उत्पादों को वे लोग यहां पर बना रहे हैं. उन्हें काफी अच्छा लग रहा है कि वह इन चीजों से जुड़ रहे हैं. सभी को पता है कि नमक शरीर के लिए ठीक नहीं होता है, पर बिच्छू घास से बनाया गया नमक लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा और इसके सभी उत्पाद शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे.
बिच्छू घास से मिलेगा रोजगार
मार्केटिंग हेड भूपेंद्र सिंह वाल्दिया ने कहा कि डॉ वसुधा पंत के साथ वह पिछले काफी समय से जुड़े हुए हैं. बिच्छू घास को लेकर पहाड़ों में एक बड़ी क्रांति होने जा रही है. इससे बने प्रोडक्ट लोगों को जरूर पसंद आएंगे. वहीं इसके जरिए लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और पहाड़ों में पलायन भी रुकेगा.
बड़े कमाल की बिच्छू घास
कुमाऊं विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ललित तिवारी बताते हैं कि बिच्छू घास में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, मौजूद होते हैं. इसका इस्तेमाल बुखार को कम करने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, कमर दर्द, नस मुड़ना आदि तकलीफों को दूर करने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि विदेशों में भी बिच्छू घास का प्रयोग हर्बल औषधि के रूप में होता है. मिस्र में इसका प्रयोग ऑर्थोराइटिस और कमर दर्द दूर करने के लिया होता है. रोमन में इसे गर्मी देने वाला पौधा कहा जाता है.
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Tags: Local18
FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 19:57 IST
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