राजकुमार भगत
पाकुड़। नए वर्ष के आगमन में अब गिनती के दिन शेष हैं और इसके साथ ही नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी भी तेज होती जा रही है। हालांकि अब तक न तो चुनाव की तिथि की आधिकारिक घोषणा हुई है और न ही आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की गई है, लेकिन अंदरखाने तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। आम जनता से लेकर संभावित वार्ड पार्षद, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के दावेदार सभी बेसब्री से शंखनाद का इंतजार कर रहे हैं।
अंदरूनी तैयारी जोरों पर।
राजनीतिक दल हों या फिर निर्दलीय दावेदार, फिलहाल सभी ने सार्वजनिक रूप से अपनी दावेदारी उजागर नहीं की है। आरक्षण की तस्वीर साफ न होने के कारण संभावित प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में हैं। हालांकि, अंदर ही अंदर अपने-अपने क्षेत्र का आकलन शुरू हो चुका है। कौन सा वार्ड किसके लिए मुफीद रहेगा, किस सामाजिक समीकरण में जीत की संभावना बनेगी—इन सब पर मंथन जारी है। फिलहाल सबकी ‘मुट्ठी बंद’ है और रणनीति पर्दे के पीछे तैयार की जा रही है।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा।
नगर निकाय चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। चुनाव से जुड़े आवश्यक कोषांगों का गठन कर लिया गया है। नगर परिषद क्षेत्र का पुनः निरीक्षण जारी है और मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का कार्य तेज गति से चल रहा है।
21 वार्डों में होगा चुनाव।
ताजा जानकारी के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र को कुल 21 वार्डों में विभाजित किया गया है। बलिहारपुर से लेकर छोटी अलीगंज, बड़ी अलीगंज और धनुष पूजा क्षेत्र तक पूरे पाकुड़ नगर क्षेत्र में वार्ड पार्षदों का चुनाव होगा। इसके साथ ही नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए भी मतदान कराया जाएगा।
मतदाता संख्या में अंतर।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वार्ड संख्या 5 में सबसे कम जबकि वार्ड संख्या 14 में सबसे अधिक मतदाता हैं। वार्डवार संभावित मतदाता संख्या इस प्रकार है—
वार्ड 1: 1588, वार्ड 2: 1617, वार्ड 3: 1782, वार्ड 4: 2111, वार्ड 5: 1150, वार्ड 6: 1662, वार्ड 7: 1423, वार्ड 8: 1803, वार्ड 9: 1901, वार्ड 10: 1769, वार्ड 11: 1945, वार्ड 12: 1773, वार्ड 13: 1889, वार्ड 14: 2115, वार्ड 15: 1889, वार्ड 16: 2114, वार्ड 17: 1539, वार्ड 18: 1751, वार्ड 19: 1683, वार्ड 20: 1376 और वार्ड 21 में 2076 मतदाता दर्ज हैं। इन आंकड़ों में संशोधन की संभावना से इनकार नहीं किया गया है। कुल मिलाकर नगर निकाय चुनाव की जमीन तैयार हो चुकी है। अब निगाहें आरक्षण सूची और चुनाव की तिथि की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं। जैसे ही यह स्पष्ट होगा, दावेदारों की चुप्पी टूटेगी और पाकुड़ की सियासत खुलकर मैदान में नजर आएगी।






