स्वराज सिंह
पाकुड़। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद की अदालत ने 16 वर्षीय मजदूर हबीबुर शेख की हत्या के मामले में दोषी काजी उर्फ काजी शेख उर्फ काजीउर रहमान (27) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 120बी के तहत सश्रम आजीवन कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर उसे एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अदालत ने भादंवि की धारा 201 और 120बी के तहत भी 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया, जिसे अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त सजा होगी। दोषी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का थाना क्षेत्र के हाउसनगर गांव का निवासी है, जबकि मृतक पाकुड़ मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मनिकापाड़ा गांव का रहने वाला था। मामले में कुल 18 गवाहों के बयान दर्ज हुए। घटना 5 अप्रैल 2019 की है, जब काजी शेख मृतक को उसके घर से बुलाकर ले गया था। अगले दिन उसका शव खेत में मिला। मजदूरी का बकाया और भुगतान को लेकर दोनों के बीच विवाद की बात सामने आई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक लुकास हेंब्रम ने पैरवी की।
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