Search

November 21, 2025 3:39 pm

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से ग्रामीण मत्स्यपालक बने आत्मनिर्भर — बायोफ्लॉक तकनीक से बदली जिंदगी।

पाकुड़िया प्रखंड के बकड़ाबील गांव निवासी शिवशंकर मड़ैया ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की सहायता से न केवल अपनी आजीविका में सुधार किया, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। वर्ष 2023–24 में योजना के अंतर्गत श्री मड़ैया को 7 टैंक वाले बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना हेतु ₹7.50 लाख की परियोजना स्वीकृत हुई। इसमें से ₹4.50 लाख की अनुदान राशि मत्स्य विभाग, पाकुड़ द्वारा दी गई। इस सहायता से उन्होंने आधुनिक तकनीक आधारित मत्स्यपालन शुरू किया और आज वे हर वर्ष लगभग ₹2.10 लाख का शुद्ध लाभ अर्जित कर रहे हैं। पूर्व में कृषि कार्य पर निर्भर रहने वाले श्री मड़ैया ने जब बायोफ्लॉक प्रणाली अपनाई, तो उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। मत्स्य विभाग द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन से उन्होंने उत्पादन, भंडारण और विपणन के आधुनिक तरीके सीखे। श्री मड़ैया बताते हैं, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने मुझे नया जीवन दिया है। आज मैं न सिर्फ आर्थिक रूप से सक्षम हूं, बल्कि दूसरों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा हूं।
उनकी सफलता ने यह साबित किया है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकता है। आज श्री मड़ैया गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने उन्हें आर्थिक समृद्धि, सामाजिक पहचान और आत्मसम्मान दिलाया है — यह कहानी बताती है कि मेहनत और विश्वास के साथ अपनाई गई योजना, सफलता की गारंटी बन जाती है।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर