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नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने राज्य सभा से अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को टाल दी. इससे पहले, शीर्ष न्यायालय को सूचित किया गया कि इस मुद्दे पर कुछ घटनाक्रम हुआ है.
राज्यसभा सचिवालय की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा यह बताये जाने पर कि विषय पर चर्चा जारी है, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विषय की सुनवाई एक दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी.
मेहता ने कहा, “न्यायालय के सुझाव के अनुसार, कुछ चर्चाएं हुई हैं और अब वह (चड्ढा) विशेषाधिकार समिति के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं. विषय को एक दिसंबर को लिया जा सकता है, तबतक कुछ घटनाक्रम होंगे.”
चड्ढा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए सदन को प्रश्न भेजने की समय सीमा जल्द ही समाप्त होने वाली है इसलिए विषय को 29 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने फरासत से कहा, “कभी-कभी शांत रहना और भाव को समझना बेहतर होता है.” पीठ ने विषय की सुनवाई एक दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी.
चड्ढा की ओर से पेश हुए वकील शादान फरासत ने कहा कि उनके मुवक्किल का संसद के उच्च सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं था और वह नए सिरे से बिना शर्त माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सांसद ने पहले भी कई मौकों पर माफी मांगी है. फरासत ने कहा, “वह (चड्ढा) सदन के सबसे युवा सदस्य हैं और माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है.”
शीर्ष न्यायालय ने तीन नवंबर को चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और प्रवर समिति विवाद को लेकर बिनाशर्त माफी मांगने को कहा था. साथ ही, यह भी कहा था कि धनखड़ इस पर ‘सहानुभूतिपूर्वक’ विचार कर सकते हैं.
चड्ढा 11 अगस्त से निलंबित हैं क्योंकि कुछ सांसदों ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनकी सहमति के बगैर एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ दिया. इन सांसदों में ज्यादातर भाजपा के हैं. प्रस्ताव के जरिये विवादास्पद दिल्ली सेवाएं विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति गठित करने की मांग की गई थी. यह आरोप लगाया गया था कि राज्यसभा सदस्य चड्ढा ने दिल्ली सेवाएं विधेयक प्रवर समिति के पास भेजने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया.
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Tags: AAP, DY Chandrachud, Raghav Chadha, Rajya sabha, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 23:07 IST
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