मनीष कुमार
एस एस प्लस टू हाई स्कूल के 10वीं एवं 12वीं के छात्रों ने उनका मुख्य परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं होने से नाराज, विद्यालय के मुख्य द्वार पर ही ताला जड़ दिया और लगे स्कूल प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करने। हाथ में तख्ता लिए छात्र लगातार स्कूल प्रशासन के विरुद्ध में नारेबाजी करते रहें। बच्चों का कहना था कि रजिस्ट्रेशन का कल यानी 13/12/25 तक हीं अंतिम दिन है ऐसे में अगर हम लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है तो हम कैसे 12वीं का परीक्षा दे पाएंगे ये हमारे भविश्य के साथ खिलवाड़ है हालांकि स्कूल प्रशासन ने उन्हें समझाने का कोशिश किया कि आप लोग ताला को खोलने दीजिए और बैठकर इस समस्या का हल निकालते हैं बावजूद इसके बच्चों ने ताला खोलने से साफ इनकार कर दिया और उन्होंने कहा कि जब तक हमें लिखित रूप से आश्वासन नहीं मिल जाता है कि हमारा रजिस्ट्रेशन होगा तब तक हम ताला नहीं खोलेंगे। तत्पश्चात स्कूल की प्रिंसिपल हेनरी एत्ता मिंज नें थाना प्रशासन को इसकी सूचना दी मौके पर थाना प्रशासन पहुंची जरूर लेकिन बच्चों को समझाने में वह भी नाकाम रही । बच्चे अपने जिद पर अडिग रहे। दरअसल बात कुछ ऐसा है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा यह एडवाइजरी जारी कर दिया गया है कि जो बच्चे संबंधित स्कूलों में 75% तक अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाते हैं (या मिनिमम 50%)स्कूलों में उन्ही का रजिस्ट्रेशन होगा और वही बच्चे दशमी और 12वीं के परीक्षा में शामिल हो पाएंगें फल स्वरुप स्कूल प्रशासन ने दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए कम से कम 50% उपस्थित वाले बच्चों का रजिस्ट्रेशन करना शुरू किया यही कारण रहा की इससे भी कम उपस्थिति वाले बच्चों ने सामूहिक रूप से स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध जताने के लिए मुख्य द्वार पर ताला जड़कर धरना प्रदर्शन के लिए बैठे हैं इधर कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह सब प्राइवेट कोचिंग सेंटर का संचालन करने वालो की वजह से समस्या खड़ा हो रहा है जिस समय स्कूल का समय है ठीक उसी समय से प्राइवेट कोचिंग सेंटर का संचालन किया जाता है और बच्चे स्कूल में न आकर कोचिंग सेंटर में चले जाते हैं इसके वजह से स्कूल में उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है । बच्चों का कहना है कि चुकी स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती है तो हम लोग स्कूल आकर क्या करेंगे ऐसे में हम लोग प्राइवेट कोचिंग सेंटर जाकर अपनी तैयारी करते हैं । बच्चे भी ठीक हीं कह रहे हैं ऐसे में सरकार को बच्चों की बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ उचित समाधान निकालना होगा अन्यथा इन बच्चों के भविष्य पर तो नकारात्मक असर पड़ना तय है।






