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October 26, 2025 12:25 am

श्मशान काली पूजा का समापन, विसर्जन को उमड़ा जन सैलाब।

सैकड़ों साल पुरानी परंपरा में तांत्रिक विधि से हुई पूजा, पूरे विधि-विधान से किया गया प्रतिमा विसर्जन।

पाकुड़। कालीतल्ला स्थित श्मशान काली मंदिर परिसर में सोमवार को मां काली की पूजा-अर्चना के बाद पारंपरिक रीति से प्रतिमा विसर्जन किया गया। विसर्जन के दौरान जन सैलाब उमड़ पड़ा। सैकड़ों श्रद्धालु मां काली की प्रतिमा को कंधों पर लेकर “जय मां काली” के जयघोष के साथ कालीभाषण पोखर तक पहुंचे और पूरे विधि-विधान के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह पूजा सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का प्रतीक है। श्मशान काली पूजा की शुरुआत मध्यरात्रि में तांत्रिक विधि से की जाती है। पूजा के बाद बलि प्रथा भी परंपरागत रूप से निभाई जाती है, जिसे देखने और भाग लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं। श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी होने पर मां के चरणों में प्रसाद अर्पित करते हैं और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। शाम को आरती और भव्य पूजा-अर्चना के साथ दिनभर का कार्यक्रम संपन्न हुआ। विसर्जन के समय भक्तों की भीड़ ने पूरे इलाके को श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंग दिया।
कालीतल्ला की श्मशान काली पूजा न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि पाकुड़ की सांस्कृतिक पहचान भी बन चुकी है।

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