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February 7, 2025 4:23 am

उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन करने की दिलाई शपथ।

फाइलेरिया उन्मूलन के मद्देनजर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न।

राजकुमार भगत

उपायुक्त मनीष कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन के मद्देनजर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम एवं कालाजार के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाए जाने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी ली। बैठक में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनायी गई तथा उपायुक्त के द्वारा पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारीयां सौंपी गई। बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत दवा वितरण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि एक भी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा लेने से छूटे नहीं। इस दौरान उपायुक्त ने सभी चिकित्सकों, आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, स्वास्थ्य सहिया एवं स्वास्थ्य कर्मियों को गाइडलाइन का पालन करते हुए डीईसी, आइवरमेक्टिन तथा एल्बेंडाजोल की गोली लोगों को खिलाने को लेकर निर्देशित किया। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी से प्रभावित अंग गंभीर रूप से फूल जाता है। इससे व्यक्ति को काफ़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को बूथ पर ही दवा खिलाने की रणनीति तैयार करें, जिससे घरों में जाकर दवा खिलाने की संख्या कम रहे। फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से प्रभावित अंगों जैसे हाथ, पाँव (हाथीपाँव) का फूलना और हाइड्रोसिल होता है। फाइलेरिया बूचेरिया बैन्क्राफ्टी (Wucheria bancrofti) कृमि की वजह से होता है जो क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है। यह एक वैक्टर मच्छर जनित बीमारी है और, फाइलेरिया विश्व स्तर पर विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है। क्यूलेक्स मच्छर जमे हुए गंदे पानी में पैदा होते हैं। फाइलेरिया के उपचार हेतु डी.ई.सी, आइवरमेक्टिन एवं अलबेण्डाजोल की गोली बहुत ही कारगर दवा है, जिसके उपयोग से एमडीए-आई डीए कार्यक्रम किया जाता है। लक्षित आबादी को डी.ई.सी., आइवरमेक्टिन एवं अलबेन्डाजोल गोली की एक खुराक वर्ष में एक बार खिलाने पर 80 से 90 प्रतिशत तक इस बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण किया जा सकता है। फाइलेरिया की दवा किसी भी स्थिति में खाली पेट नहीं लेनी चाहिए। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति फाइलेरिया रोधी दवाइयां नहीं ले।

बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

10 फरवरी को बूथ डे है। इस दिन गांव के विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, सभी स्वास्थय केन्द्र, पंचायत भवन, वार्ड कार्यालय में से किसी एक स्थान पर और सभी प्रखण्ड के कार्यालय एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बूथ बनाने के साथ साथ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन में ट्रांजिस्ट बूथ बनाया जायेगा। 11 फरवरी से 25 फरवरी तक सभी संबंधित कर्मियों द्वारा घर घर जा जाकर दवा खिलाई जायेगी। इस बीच संबंधित कर्मी अपने समक्ष ही लोगों को दवा खिलाएंगे। पेयजल/ स्वच्छता विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग, नगर परिषद, स्कूली शिक्षा, समाज कल्याण, पंचायती राज एवं आपूर्ति विभाग को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। इसके अलावा उपायुक्त ने कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की। उपायुक्त मनीष कुमार ने कालाजार के मामलों को गंभीरता से मानीटरिंग करने को सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मियों को कहा। पीकेडीएल मरीजों का संपूर्ण इलाज हो इसे सुनिश्चित करें। इससे घबड़ाने की जरूरत नहीं है। कालाजार मरीजों की गंभीरता से मानिटरिंग करें। आगामी 17 जनवरी 2025 से हो रहे घर- घर कालाजार खोज अभियान गुणवत्तापूर्ण हो।कोशिश करें कि कोई छिपा हुआ मामला नहीं रहे। ताकि आगे जिले का प्रखंड कालाजार इन्डिमिसिटी के मानचित्र में नहीं रहे। जिन्हें पंद्रह दिन से ज्यादा बुखार हो उन्हें चिन्हित कर सही उपचार उपलब्ध कराएं। पाकुड़ जिले के चार प्रखंड कालाजार प्रभावित है पाकुड़,अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा व हिरणपुर।

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