राजकुमार भगत
पाकुड़।लिट्टीपाड़ा के झेनागढ़िया गांव में फलेरिया की दवा खिलाने गए स्वास्थ्य कर्मियों के साथ योजनावद्ध तरीके से दुर्व्यवहार और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की गई थी। इसके विरोध में स्वास्थ्य कर्मी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था। प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मियों को आश्वासन दिया था की शीघ्र ही दोषी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। किंतु चरणबद्ध आंदोलन के बावजूद 12वीं दिन भी आरोपियों की गिरफ्तारी प्रशासन के द्वारा नहीं किया जा सका। इससे स्वास्थ्य कर्मियों में गुस्सा और भय का माहौल व्याप्त है।
स्वास्थ्य कर्मियों ने निकाला आक्रोश रैली
गिरफदारी की मांग को लेकर शनिवार को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा काला बिल्ला लगाकर कार्य को गति दिया गया। आगे कोई कार्रवाई नहीं होते देख एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ, चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, जी एम एम संघ, ए एन एम संघ, पैरामेडिकल कर्मचारी संघ, एन एन एम कर्मचारी संघ, आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ, संघ के पदाधिकारी एवं कर्मचारी एकजुट होकर रविवार को पुराना सदर अस्पताल से बाबू कुंवर सिंह चौक तक आक्रोश रैली निकाली। आक्रोश रैली में काफी संख्या में नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मचारी सम्मिलित थे। आक्रोश रैली में कर्मियों द्वारा जिला प्रशासन की मनमानी नहीं चलेगी, आरोपियों को गिरफ्तार करना होगा, स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा देना होगा, काफी आक्रोश के साथ नारा लगा रहे थे। आक्रोश रैली वापस आकर पुराने सदर अस्पताल के निकट सभा में तब्दील हो गई। संबंधित कर्मचारियों ने कहा की स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं किया । आरोपितों को गिरफ्तार 12 वें दिन आंदोलन होने तक नहीं हो सकी। इससे स्वास्थ्य कर्मियों में भय का माहौल व्याप्त है और आरोपियों का मनोबल बढ़ रहा है। यदि यही स्थिति रहा तो सोमवार 3 मार्च से सभी स्वास्थ्य कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसकी सारी जवाब देगी जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की होगी। क्योंकि इस तरह से तो स्वास्थ्य कर्मी कार्य करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे कि हम कहीं दवाई खिलाने जाए और हमें बंधक बना लिया जाए हमारे साथ लोग मारपीट करें। उन्होंने कहा सुबह 10:00 बजे तक आशा देखी जाएगी।
किया है पूरा मामला
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शत प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का आगाज पाकुड़ जिले में हुआ था। उपयुक्त पाकुड़ ने भी पूरी तत्परता के साथ इसे सफल बनाने में काफी मेहनत कर रहे हैं। इस क्रम में झेनागढ़िया गांव में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विद्यालय में 17 फरवरी को उत्क्रमित मध्य विद्यालय में फाइलेरिया की दवा खिलाई थी। बताया जाता है कि दवा खाने के बाद कुछ बच्चों में कुछ देर के लिए तबीयत खराब हुए थे। इससे आक्रोशित कुछ अभिभावकों और ग्रामीणों ने संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को घेरकर न सिर्फ दुर्व्यवहार किया बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। पुलिस जाने के बाद ही मामला शांत हो पाया था। इससे स्वास्थ्य कर्मचारियों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया था।

