राजकुमार भगत
पाकुड़।चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही पार्टियों के अंदर बाहर खलबली है। वहीं नेताओं के धड़कनें बढ़ गई है। टिकट को लेकर मंथन चल रहा है। जबकि नामांकन की तिथि एवं नामांकन वापस लेने तथा झारखंड में दो चरणों में चुनाव की घोषणा हो गई है। मुख्य पार्टियों के कई कई नेता अपनी चुनावी क्षेत्र में महीनो से दिन रात एक किए हुए हैं। वह प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं ।अपनी-अपनी पार्टी की दम भर रहे हैं। एक दूसरे पार्टी की आलोचना कर रहे हैं।अपनी पार्टी की बहबाही ले रहे हैं। जनता के बीच लोक लुभावना वादे कर रहे हैं। कहते हैं अगर अबकी बार हमारी सरकार आई तो हर हाथ को कम होगा और हर घर को तोहफा मिलेगा। अब कौन कितना क्या करेगा और किसकी सरकार बनेगी, किसकी होगी हर और किसकी होगी जीत ।कौन पहनेगा माला और कौन होगा खारिज यह तो वक्त ही बताएगा । किंतु फिलहाल नेताओं की धड़कन तेज है । अभी तक पूरी तरह से टिकट को लेकर घोषणा नहीं की गई है। उम्मीद पर दुनिया कायम है और इस उम्मीद के साथ सारे नेताजी जी तोड़ कर प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं ।उनके दुख दर्द सुन रहे हैं ।पूरी ईमानदारी से क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं ।इसमें कहीं दो राय नहीं है।
जिनको टिकट नहीं मिलेगी होंगे मायूस
सबसे दिलचस्प बात यह होगी जिन्हें टिकट मिलेगी उनका तो बल्ले बल्ले और जिन्होंने पूरी उम्मीद और ईमानदारी के साथ मेहनत कर रहे हैं और यदि उनका टिकट नहीं मिलती है तो फिर उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी ?!अब यह भाग्यशाली कौन है कुछ ही दिनों बाद सब कुछ आईना की तरह क्लियर हो जाएगा। तब एक और जहां मांयुषी होगी तो भाग्यशाली नेता की खुशी दुगनी होगी।
समाजसेवी पार्टी भी कर रहे हैं लगातार दौरा
2024 के विधानसभा चुनाव में कई समाजसेवी चुनाव मैदान में है और वह लगातार क्षेत्र में भ्रमण हो कर रहे हैं ।और जनता से एक बार सेवा देने का मौका मांग रहे हैं। 2024 की विधानसभा चुनाव में समाजसेवी की भी अहम भूमिका होने की पूरी उम्मीद है।