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सच्चिदानंद/पटना. बिहार वासियों के लिए छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि एक इमोशन है. घर के सभी सदस्यों को एकजुट करने का माध्यम है. यह न सिर्फ हर परेशानी का समाधान है बल्कि हर मनोकामना की पूर्ति का जरिया है. यही नहीं, छठ शुद्धता और पवित्रता का महापर्व है. यही कारण है कि इसे सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही कर सकती हैं. पटना के मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के कहा कि कुंवारी लड़कियों को छठ करने की अनुमति नहीं होती है. इसके साथ ही जो महिलाएं पहली बार छठ करने की सोच रही हैं, वह भी इस साल रुक जाएं, क्योंकि मलमास लगा हुआ था. हालांकि प्रसाद और बाकी चीजों में वह पवित्रता का ध्यान रखते हुए मदद कर सकती हैं.
ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि यह सूर्य उपासना का व्रत होता है. कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत वर्जित है. सूर्य की आराधना केवल महिलाएं ही कर सकती हैं. सूर्य की उपासना जो कोई सधवा हो या विधवा हो, वही कर सकती हैं. साथ ही कहा कि कुंवारी अवस्था में ही कुंती ने सूर्य उपासना की थी. ना चाहते हुए भी वह मां बन गई थी. इस वजह से कुंवारी लड़कियों को सूर्य की उपासना और छठ व्रत करना उसी समय से वर्जित है. हालांकि वह घर की माताओं और बहनों के साथ उनकी सहायता करने के लिए इस विशेष कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं, लेकिन उनसे कभी भी व्यक्तिगत रूप से व्रत न रखवाएं और ना ही सुबह सूर्य देव की आराधना करवाएं, ऐसा करना उनके लिए ठीक नहीं रहेगा.
कुंवारी लड़कियां इन नियमों का करें पालन
ज्योतिषविद श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, कुंवारी लड़कियों को अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए बढ़-चढ़कर इस त्योहार में हिस्सा लेना चाहिए. शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखते हुए कुंवारी लड़कियां प्रसाद बनाने में मदद कर सकती हैं. पूजा-पाठ के मदद कर सकती हैं. इसके साथ ही व्रतियों की सेवा करनी चाहिए. व्रतियों की सेवा, पूजा पाठ में मदद करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी इस श्रद्धा को स्वीकार करते हुए मनोकामना पूर्ण करते हैं. ( नोट: यह खबर ज्योतिष और मान्यता पर आधारित है. न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Religion 18
FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 09:37 IST
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