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आकाश कुमार/ जमशेदपुर. दिवाली के बाद अब लोग छठ को लेकर व्यस्त हो गए है. छठ की खरीदारी भी जमकर हो रही है.खासकर बाजारों में दौरा व सूप इन सब चीजों की खरीदारी अधिक देखी जा रही है.क्योंकि इसका उपयोग छठ में फल प्रसाद और सूर्य भगवान को अर्घ देने के लिए किया जाता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ छठव्रती ही नहीं.बल्कि, छठ के लिए सामान बनाने वाले कारीगर भी यह बनाते समय उपवास रखते हैं.
जमशेदपुर के बारीडीह मार्केट के समीप पिछले 45 से 50 वर्ष से लगी आ रही है सूप का दुकान इस बार फिर से छठ को लेकर पूरी तरह तैयार हो गया है. लोकल 18 को बताते हुए दुकान की संचालक सुनीता ने बताया कि वह पिछले 45 से 50 वर्षों से यहीं पर सूप और अन्य बांस के बंबू से बनाने वाली सामग्री बनाया करती है.हर साल छठ में इसकी डिमांड काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
दोपहर तक भूखे रहकर बनाते हैं सामान
सुनीता बताती है जब यह सारे सामान बनाया जाता है.उस समय सभी कारीगर भूखे रहते हैं.क्योंकि इसे बनाने में करीबन 4 से 5 घंटे का समय लगता है.इसीलिए हम सुबह में नाश्ता नहीं करते और यह बनाने बैठ जाते हैं.दोपहर में करीब 1 से 2 बजे के बीच हमारा कार्य खत्म होता है, तब जाकर हम खाना खाते हैं. उन्होंने आगे बताया हम आधा दिन के लिए उपवास इसलिए रखते हैं.क्योंकि छठ महापर्व है और इसमें शुद्धता एवं पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है.यही कारण है कि हम भी उपवास रखते हैं.ताकि हम जो भी दौरा और सूप बना रहे हैं वो पवित्र हो.इसमें किसी प्रकार की कोई अशुद्धि ना हो ना गलती से भी कोई अशुद्ध भोजन हमारे अंदर गया हो और ना ही हमारा विचार अशुद्ध हो.
यह है कीमत
इस साल सूप की कीमत 30 रुपए से लेकर 100 रुपए , डोरा की कीमत 140 रुपए से 350 रुपए , टोकरी की कीमत 60 रुपए से लेकर 200 रुपए , डागरा की कीमत 180 रुपए से लेकर 400 रुपए तक रखी गई है.
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Tags: Jamshedpur news, Local18
FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 16:05 IST
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