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November 22, 2024 12:32 am

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विभिन्न योजनाओं में हो रही अनियमितता को लेकर जिप सदस्य ने की प्रेस वार्ता

कहा कार्यकर्ताओं के साथ करूंगा प्रखंड कार्यालय का घेराव।

गोड्डा : पोडैयाहाट प्रखंड के विभिन्न पंचायत में योजनाएं के तहत चल रहे कार्य में भ्रष्टाचार को रोकने और विभाग के उदासी रवैये को लेकर जिला परिषद सदस्य राघवेन्द्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पोड़ैयाहाट प्रखंड में विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रही है। कई बार विभाग को इसकी जानकारी देने के बावजूद भी इस पर लगाम नहीं लग रहा है। मनरेगा योजना में लापरवाही, अंबेडकर आवास योजना में लापरवाही, प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही, एनएच में जमीनदाता यानी रैयत को भुगतान के नाम पर कर्मचारी द्वारा अवैध रूप से मोटी रकम की वसूली करना जैसे अनियमितता को लेकर जीप सदस्य ने कहा कि यदि विभाग भ्रष्टाचार पर नकेल नही कसेगी तो मैं और मेरे सभी कार्यकर्ता प्रखंड कार्यालय का घेराव करेंगे। पोड़ैयाहाट प्रखंड से लगातार मनरेगा योजना में लापरवाही बरतने की ख़बर सामने आ रही है। साथ ही फर्जी मजदूर का प्रयोग कर पैसे की निकासी के लिए फर्जी मजदूर कार्ड एक साधन बन चुका है। मनरेगा अधिनियम के तहत मजदूर कार्ड पर ही पैसे दिए जाते हैं जिस कारण मनरेगा योजना में मजदूर कार्ड सिर्फ पैसे भेजने का साधन बन चुका है। योजना का पैसा कुछ ऐसे मजदूर के खाते में भेजे जाते हैं जिन्हें यह तक मालुम नहीं होता की यह कौन सा पैसा है और किसके द्वारा भेजा गया है। फर्जी तरीके से की जाने वाली इस रुपए की निकासी में रोजगार सेवक और बिचौलिया का अहम रोल होता है।
उन्होंने कहा कि जहां तालाब का कोई उपयोग नहीं वैसे स्थान पर भी तालाब का निर्माण कराया जाता है, जिसका एक ही मतलब है सरकारी पैसे की बर्बादी और गबन। मनरेगा के तहत चलाए गए आधे से भी ज्यादा योजना का लाभ जनता नहीं ले पाती है। मनरेगा योजना के तहत सिर्फ और सिर्फ बिचौलिए और पदाधिकारी का निजी लाभ होता है। यदि अंबेडकर आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करें तो योग्य व्यक्ति तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता है। सवाल यह है कि अंबेडकर आवास और प्रधानमंत्री आवास किन लोगों तक पहुंचता है, इस योजना का लाभ सिर्फ वैसे लोगों को मिलता है जो विभाग को पॉकेट से 20-30 हजार की राशि दे पाते हैं। वैसे लोगों के नाम से आवास योजना स्वीकृत कर दिया जाता है। अन्य मामलों में अनियमितताओं की बात करें तो एनएच या रेलवे में जिन जिन रैयतों की जमीन ली गई है उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। रैयत अपनी जमीन का मुआवजा पाने के लिए जब सरकारी कर्मचारी के पास जाते हैं तो वही कर्मचारी अवैध तरीके से मोटी रकम वसूल रहे हैं। कई जगहों से तो कर्मचारी द्वारा बिचौलियों के माध्यम से ऑनलाइन पैसे भेजने की भी बात सामने आ रही है। वहीं हाल ही में उक्त मामले को लेकर उपायुक्त के समक्ष दर्जनों आवेदन दिए गए हैं। रैयत को मुआवजा न मिलने पर रैयत आवेदन को लेकर उपायुक्त से मिले थे जिसके बाद उनके द्वारा रैयतों को भरोसा दिलाया गया था की बहुत जल्द मुआवजे का भुगतान करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्दी ही इन मामलों पर विभाग संज्ञान ले और मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करे साथ ही योजनाओं में ही रही अनियमितताओं पर जल्द से जल्द अंकुश लगाए अन्यथा मैं अपने सभी कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर प्रखंड कार्यालय का घेराव करूंगा।

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