राजकुमार भगत
पाकुड़। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शनिवार को ओपन स्काई स्मार्ट स्कूल में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास, शिक्षा और सशक्तिकरण की भावना को बढ़ाना था। मुख्य अतिथि डीपीसी, पीसीआई अनीस अंसारी ने कहा कि आज बालिकाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। हमें उन्हें समान अवसर और सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कल्पना चावला, इंदिरा गांधी और लता मंगेशकर जैसी महान महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं और नारी सम्मान, सुरक्षा व शिक्षा पर सभी को गंभीरता से काम करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक प्रीतम ओझा ने किया। शुरुआत में मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। छात्रा हर्षिता कुमारी और टुम्पा साहा ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व पर जानकारी दी और बताया कि इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 11 अक्टूबर 2012 को की थी। छात्र-छात्राओं ने बेटी के महत्व पर स्लोगन प्रस्तुत किए जिनमें “बेटी है तो कल है, वह बदलाव की हलचल है”, “लड़की को दो खुला आसमान, वो खुद बनेगी अपनी पहचान” जैसे नारे शामिल थे। छात्राओं ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” विषय पर भाषण, निबंध और पोस्टर प्रतियोगिताओं में भाग लिया। पूरे कार्यक्रम में नारी सशक्तिकरण और समानता का संदेश झलका। शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम सफल रहा और स्कूल परिसर “बेटी है तो भविष्य है” के संदेश से गूंज उठा।

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