कभी नीचे रखकर दूध बेचती थी आज उनकी खुद की एजेंसी है।
राजकुमार भगत
पाकुड़।सीमा सोनी भगत हाटपाड़ा पाकुड़, ने महिला दिवस पर विशेष वार्ता के क्रम में बताया कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं ।आज वे अपने लगन , मेहनत के और ईमानदारी से कार्य करने के बदौलत न केवल अपनी अच्छी जिंदगी जी रही हैं बल्कि खुद का अपना दुकान और दूध का एजेंसी भी ले लिया है, और एक कुशल गृहणी भी हूं।
उन्होंने कहा शादी के बाद घर की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। किंतु मेरे पति बबलू भगत एवं मेरी दृढ़ इच्छा शक्ति सकती थी कि मैं एक सफल गृहणी के साथ-साथ एक अच्छा कारोबार करूंगी। मैं नगर परिषद से चुनाव भी लड़ी और वार्ड पार्षद भी बनी। वार्ड पार्षद के रूप में हमने अपने वार्ड का भरपूर सहयोग किया।उसके बाद अब तक चुनाव नहीं हुई। मैं अपने पति के सहयोग से हाट पाड़ा में नीचे रखकर दूध बेचना शुरू किया। इसके साथ-साथ पनीर दही भी बेचा। धीरे-धीरे यह काम तेजी से फलने फूलने लगा। कई लोगों ने पीठ पीछे बुराई भी की। किंतु माता-पिता का आशीर्वाद से हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्थिति यह रही कि लोग धीरे-धीरे घर पर दूध लेने पहुंचने लगे। फिर विचार आया कि अब घर पर से ही दूध का कारोबार शुरू किया जाए। साल भर तक हम लोगों ने फुटपाथ से उठकर घर से दूध का कारोबार प्रारंभ किया। समाज और माता-पिता के आशीर्वाद से हमारे कारोबार अच्छी चल पड़ी और हमने दूध का एजेंसी ले लिया। सीमा सोनी भगत आगे बताती हैं कि इस मुकाम तक हासिल करने में उन्हें एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। पति पूरा सहयोग कर रहे थे। यहां तक पहुंचने में उनकी एक अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आज मेरी अपनी दुकान है ।मैं आज अमूल दूध का होलसेलर हूं। इसके साथ एक का रेस्टोरेंट भी इधर से प्रारंभ कर दिया है। मैं रिटेलर से होलसेलर बन गया। इन सभी कार्य में मेरे पति का हौसला परिश्रम एवं सहयोग निरंतर मिलता रहा। आज मैं जो कुछ भी हूं अपनी लागत मेहनत ईमानदारी परिश्रम और पति के भरपूर सहयोग से हू। मैं अपने घर की भी देखभाल अच्छी प्रकार से कर रही हूं।