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March 14, 2025 8:21 pm

अंगिका समाज द्वारा होली मिलन सह सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

बाल्मीकि रामायण में अंग प्रदेश की साक्ष्य वर्णित है : डॉ बिंदु भूषण

राजकुमार भगत

पाकुड़। अंगिका समाज अंग, पाकुड़ के तत्वावधान में अंगिका मिलन सह सम्मान समारोह – 2025 का महेन्द्र मिश्र, डाॅ. बिन्दुभूषण, सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार, रमेश चन्द्र सिंह, सिताबी राय, भागीरथ तिवारी, डाॅ. मनोहर कुमार, कैलाश झा, संजय कुमार शुक्ला के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ तिवारी ने अपने सम्बोधन में समस्त आगन्तुकों का हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत कर अंगिका समाज के अतीत व वर्त्तमान पर विशेष चर्चा करते हुए बताया कि अंगिका समाज के द्वारा नारायण सेवा, गरीब कन्या की शादी मे सहयोग, अनाथालय में भोजन का सहयोग, स्वास्थ्य सहायता, योग कक्षाएं ,आदि कार्य किए जाते रहे हैं। सेवानिवृत प्रधानाध्यापक महेन्द्र मिश्र ने सम्बोधन मे कहा कि अंग क्षेत्र का इतिहास अति प्राचीन है, बाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि त्रेता युग में अंग देश के राजा रोमपाद थे, जो राजा दशरथ के मित्र थे। द्वापर में कृष्ण अवतार लिए, इस काल में दुर्योधन ने अपने मित्र कर्ण को अंग देश का राजा बनवाया था, अंग देश की राजधानी भागलपुर था ।भागलपुर का कर्ण गढ़ इसका प्रमाण है। सुपौल के समदा में भी कर्णगढ़ है।डाॅ. बिन्दुभूषण ने अपने सम्बोधन में कहा कि
7 वीं सदी में वामन जयादित्य द्वारा रचित ग्रन्थ “कोशिका वृत्ति” में उल्लेख है कि प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में एक अंग महाजनपद था और इसकी प्रचलित भाषा “आंगी” थी ।जो आगे जाकर अंगिका में परिणत हो गया , आज भी हमलोग अंगिका में ही बोलते हैं ।रमेश चन्द्र सिंह, सेवानिवृत सिविल अभियन्ता ने अपने सम्बोधन में कहे
कि -बौद्ध ग्रन्थ “ललित विस्तार” में 64 लिपियों की सूची में अंग लिपियों की सूची में अंग लिपि चतुर्थ स्थान पर अंकित हैं । 16 महाजनपदों के मानचित्र में भी अंग देश अंकित हैं ।
जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि भाषा के आधार पर 1912 ईo में बंगाल से बिहार एवं उड़ीसा राज्य अलग हुआ। तत्कालीन गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिंग्स ने बिहार को चार जिलों में बांटा, जिसमें एक जिला भागलपुर था , जिसके अन्तर्गत अंग जनपद था । अंग क्षेत्र का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है। उक्त अवसर पर भाजपा नेता हिसाबी राय, दुर्गा मराण्डी ने कहा कि अंग प्रदेश और अंगिका भाषा अत्यन्त प्राचीन है, वर्त्तमान में अंग क्षेत्र बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के विभिन्न प्रमंडल में फैला हुआ है। हमसब मिलकर अंगिका समाज का सदस्य बनें , और अंगिका क्षेत्र की गौरवशाली सभ्यता, संस्कृति, भाषा-परम्परा को समृद्ध-जीवंत बनाए रखने का सार्थक प्रयास करें ।
अंगिका समाज “होली मिलन सह सम्मान समारोह के शुभावसर पर,
डाॅ. बिन्दूभूषण, राहुल कुमार अंग गौरव रत्न सम्मान, महेन्द्र मिश्र- सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, श्यामनगर, अंग साहित्य सेवा भूषण , रमेश चन्द्र सिंह- सेवानिवृत्त सिविल अभियन्ता, दुर्गा काॅलोनी, अंगिका सेवा रत्न सम्मान, सिताबी राय- रेलवे काॅलोनी, श्रीमती रंजू ठाकुर सामाजिक, छोटी अलिगंज,श्रीमती रुमा सिंह- कला के क्षेत्र में-अंगिका सेवा रत्न , शाॅल, मोमेंटो एवं सम्मान- पत्र देकर सम्मानित किया गया ।अध्यक्ष डाॅ. मनोहर कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन कर सम्मान समारोह के समापन कर होली मिलन समारोह का आगाज किया।,कैलाश झा ,श्याम झा, अजय झा, राजीव झा, रमेश चन्द्र सिंह, संजय शुक्ला, मिथिलेश सिन्हा, नन्द किशोर सिन्हा ने अपनी गायन से होली मिलन समारोह को मनोरम बना दिया । कलाकृति केन्द्र, पाकुड के तान्या सिंह, अनु के द्वारा शिव ( होली नृत्य) गीत होली वह सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर लोगों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ उठाया कार्यक्रम में अंगिका समाज सहित समाज के दर्जनों गण्य-माण्य उपस्थित थे।

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