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May 19, 2025 8:27 pm

जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी के आगे झुकी केंद्र सरकार, निशात आलम का दावा।

पाकुड़ विधायक निशात आलम एवं तनवीर आलम ने कहा कि हमें जातीय जनगणना की हैडलाइन नहीं डेडलाइन चाहिए।

सतनाम सिंह

पाकुड़: जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार की सहमति के बाद सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे अपनी जीत बताया है। पाकुड़ विधायक निशात आलम ने कहा कि राहुल गांधी के संघर्ष के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। निशात ने कहा कि “हमने शुरुआत से कहा था कि जातीय जनगणना करवा कर रहेंगे। आज मोदी सरकार को जनदबाव के आगे सिर झुकाना पड़ा। पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता आलमगीर आलम की पत्नी एवं पाकुड़ की लोकप्रिय विधायक निशात आलम ने पाकुड़ से बड़ा सियासी संदेश दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने संसद के भीतर और बाहर जातीय जनगणना की आवाज बुलंद की। हम देश की बड़ी आबादी की बात कर रहे थे, बीजेपी को अपनी कुर्सी डगमगाती नजर आई, इसलिए यह फैसला लिया गया।”

हेडलाइन नहीं, डेडलाइन चाहिए

निशात ने कहा, “अब सिर्फ घोषणा नहीं चलेगी, हमें जातीय जनगणना की डेडलाइन चाहिए। प्रधानमंत्री बताएं कि यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी।” उन्होंने दावा किया कि यह फैसला ‘इंडिया’ गठबंधन के दबाव का नतीजा है। “अगर केंद्र सरकार नहीं कराती तो झारखंड सरकार खुद अपने संसाधनों से यह जनगणना कराती,” उन्होंने कहा।

संविधान बचाने की लड़ाई झारखंड से

निशात आलम एवं तनवीर आलम ने बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वह संविधान को बदलने की साजिश कर रही है, लेकिन झारखंड की धरती से संविधान बचाने का संदेश देशभर में गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को “बैसाखी पर चलने वाली सरकार” बताया और कहा कि वह मजबूती से इस मुद्दे पर खड़ी नहीं हो पाई।

बिहार चुनाव से जोड़ा फैसला

युवा एवं तेज तर्रार नेता तनवीर आलम ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला बिहार चुनाव को देखते हुए लिया है। “बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है, इसलिए दबाव में यह निर्णय लेना पड़ा।

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