पाकुड़ (झारखंड)। मौजा कुलापहाड़ी के ग्रामीणों ने जिले के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर गोचर भूमि पर बाहरी असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जे और शांति भंग की आशंका को लेकर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि मौजा कुलापहाड़ी, खाता संख्या 37, दाग संख्या 15 की गोचर भूमि पर लंबे समय से स्थानीय पशुधन चरागाह के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन हाल के दिनों में कुछ बाहरी लोग – जिनमें अमरजीत सिंह, बैजनाथ केड़िया और देवव्रत चक्रवर्ती के नाम सामने आए हैं – बंगाल के कुछ तत्वों की मदद से जबरन इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उक्त भूमि पर घेराबंदी की जा रही है, जिससे पशुओं के लिए चारा संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि यह जमीन “संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949” के तहत गोचर भूमि है, जिसे न पट्टे पर दिया जा सकता है और न ही निजी उपयोग में लाया जा सकता है। आवेदन में यह भी बताया गया है कि विरोध करने पर उपरोक्त लोग जान से मारने की धमकी देते हैं, जिससे गांव में तनाव का माहौल है और शांति भंग होने की आशंका है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से मांग की है कि वे तत्काल प्रभाव से इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाएं और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। साथ ही मामले की जांच कर गोचर भूमि की मूल प्रकृति को संरक्षित रखने की दिशा में कदम उठाएं। इस सामूहिक आवेदन में रफीक अहमद सहित कुल 32 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसकी एक प्रति मुख्यमंत्री झारखंड को भी भेजी गई है।
