एसडीजेएम एन के भारती ने विगत 6 वर्षों में पहली बार अभियुक्त के अनुपस्थिति में सीआरपीसी की धारा 353 (6) के तहत खुले अदालत में सजा सुनाई और गिरफ्तारी का वारंट जारी किया
पाकुड़: स्वराज सिंह।
गुरुवार को व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित अनुमंडल न्याय के दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती के न्यायालय ने शिकायत वाद संख्या 260/23 के अभियुक्त मंसूरी टोला हारिणड़ागा बाजार,पाकुड़ के निवासी आकिब अंसारी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 धारा 138 के तहत 1 साल का कठोर कारावास एवं 3,02,500 रुपए के जुर्माने की सजा खुली अदालत में सुनाई। अभियुक्त के अनुपस्थित पर 353(6) धारा के तहत पुलिस प्रशासन को अभियुक्त के शीघ्र गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया।
क्या बताती है यह धारा 353(6):
यदि अभियुक्त अभिरक्षा में नहीं है तो उससे न्यायालय द्वारा सुनाए जाने वाले निर्णय को सुनने के लिए हाजिर होने की अपेक्षा की जाएगी, किन्तु उस दशा में नहीं की जाएगी जिसमें विचारण के दौरान उसकी वैयक्तिक हाजिरी से उसे अभिमुक्ति दे दी गई है और दंडादेश केवल जुर्माने का है या उसे दोषमुक्त किया गया है ।परन्तु जहां एक से अधिक अभियुक्त हैं और उनमें से एक या एक से अधिक उस तारीख को न्यायालय में हाजिर नहीं हैं जिसको निर्णय सुनाया जाने वाला है तो पीठासीन अधिकारी उस मामले को निपटाने में अनुचित विलंब से बचने के लिए उनकी अनुपस्थिति में भी निर्णय सुना सकता है ।
क्या था मामला
4 जुलाई 2023 को मंसूरी टोला हरि दंगा बाजार के निवासी आकिब अंसारी ने हरिन दंगा बाजार के ही निवासी अशोक कुमार भगत से 2,42, 000रु का किसी जरूरी कार्य के लिए ऋण लिया था जिसके एवज में एक चेक दिया था और एक चार पहिया वाहन BMW-320D गिरवी रखा था,और पैसा एक महीने में लौटने का वादा किया था,लेकिन एक महीने बाद जब पैसा वापस नहीं हुआ तो अशोक भगत ने पैसे की मांग की तो आकिब ने अपना चार पहिया वापस लेकर कुछ समय मांगा इसके बाद भी पैसा नही मिलने की स्थिति में अशोक ने दिनांक 04/07/23 को अकीब द्वारा दिए गए चेक को संबंधित बैंक में जमा किया तो देखा खाते में पैसे नहीं है इसपर उन्होंने न्यालय का दरवाजा खटखटाया।