युद्ध स्तर पर कर रहे झारखंड की जमीन पर अवैध खनन और मिट्टी भराई का कार्य बंगाल निवासी अली।
अंचल कार्यालय द्वारा झाड़ा जा रहा है पल्ला, राजनीतिक दवाब या फिर सबका साथ सबका विकास।
पाकुड़। काले पत्थर के नाम पर मशहूर पाकुड़ जिला वैसे तो एक औद्योगिक इलाके के नाम से शुमार है लेकिन साथ ही साथ अवैध खनन के नाम पर भी बदनाम रहा है, हालांकि इस मामले को लेकर विभागीय कार्यवाही भी होती रहती है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें अवैध खनन करने वाले राजग्राम बंगाल निवासी जिनका बंगाल की बड़ी पार्टी में काफी दबदबा कायम है, झारखंड की जमीन का बंगाल के दबंग लोगों के द्वारा ना केवल खनन किया जा रहा अपितु रैयतों को डराया और धमकाया भी जा रहा है। पत्राचार के माध्यम काफी लिखा गया लेकिन विभाग की करवाई नगण्य रही है अवतक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मुरारोई थानान्तर्गत गाँव राजग्राम निवासी अली के द्वारा मौजा गोपालपुर से पत्थर खनन करते हुए अवैध तरीके से झारखंड सीमा में अवस्थित मौजा सिंगड्डा के कई एकड़ जमीन में अवैध खनन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल निवासी अली व उनके गुर्गों के द्वारा रैयतों को डरा धमका व लालच देकर अपने अवैध खनन की भूमि का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। इनमें अधिकतर रैयत आदिवासी समाज से आते है जो अपनी कृषि योग्य भूमि पर कृषि कार्य करते आ रहे थे । उक्त अवैध खनन के दायरे में भयादोहन कर कृषि योग्य भूमि को जबरन शामिल किए जाने से ना केवल संबंधित रैयतों के समक्ष आजीविका की समस्या उठ खड़ी हो रही है अपितु पर्यावरण के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है ।
इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ से दूरभाष पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि इस संबंध में निश्चित रूप से स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा एवं मामले की सत्यता के आधार पर कार्यवाही भी की जाएगी।

