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February 14, 2025 9:22 am

डिस्ट्रिक्ट मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का हुआ आयोजन।

सतनाम सिंह

झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में आज रविवार 19 जनवरी 2025 रविवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यक्रम का आयोजन न्याय सदन पाकुड़ के सभागार में किया गया। जिसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह, सचिव अजय कुमार गुड़िया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उक्त कार्यक्रम में एमएसीटी, पॉक्सो एक्ट से संबंधित कई बिंदु पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। किसी भी पीड़ित/पीड़िता को न्याय मिल सके इसे लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह ने कहा मामलों का दस्तावेज तैयार करना, मुआवजा की राशि मिलने कानूनी प्रक्रिया को समय सीमा के अंदर सारे रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने समेत कई महत्वपूर्ण विषयो पर चर्चा करते हुए अहम दिशा निर्देश दी मेडिकल की टीम से लेकर पुलिस प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे संवेदनशील मामलों में उपस्थित चिकित्सक अधिकारी , प्रशासनिक अधिकारियों को गंभीरता से अपने जिम्मेवारी निभाने को लेकर कहा गया।कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है ताकि पीड़ित अथवा परिवार को त्वरित न्याय मिल सके। इसे समय पर करना हमारा कर्तव्य है। थाना प्रभारियों को कहा कि किसी भी मामले को लंबित रखने के बजाय उस पर त्वरित कार्यवाही कर अदालत में जल्द से जल्द अंतिम प्रतिवेदन रिपोर्ट या चार्जशीट दायर कर दी जानी चाहिए जिससे लोगों को त्वरित न्याय दिया जा सके। पॉक्सो एक्ट से संबंधित कई बिंदुओं पर जांच की प्रक्रिया जैसे एफआईआर , दस्तावेज तैयार करने, समय सीमा के अंदर मेडिकल जांच, बयान, समेत कानूनी एक्ट से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर ने एमएसीटी एक्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में मौत की संख्या बीमारी की तुलना में अधिक है। ऐसे में सड़क दुर्घटना के कई पहलुओं पर चर्चा करते हुए एफआईआर, पीड़ित/परिवार को त्वरित न्याय मिल सके इसके लिए समय पर कागजात कोर्ट में जमा होने से मृतकों के परिजनो को मुआवजा राशि मिलने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और समय पर राशि मिल जायेगा। पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी हालत में 48 घंटे के अंदर दुर्घटना सूचना ट्रिब्यूनल को भेज देनी है, साथ ही कहा कि समय पर पुलिस ऐसा कर दे तो मृतक के परिजनों को होने वाली मुश्किलों का सामना नही करना होगा। अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों के अधिकार की सुरक्षा में न्यायपालिका का अहम रोल है। कहा कि नाबालिग से दुराचार के मामले में पुलिस पदाधिकारियों का दायित्व है कि वे चौबीस घंटे के अंदर पीड़िता की मेडिकल जांच कराएं और उसकी उम्र निर्धारण के लिए संबंधित दस्तावेज एकत्रित करें ।समेत कई महत्वपूर्ण बिंदु पर कानूनी प्रक्रिय पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। साथ ही कई विशेष न्यायिक मुद्दे पर चर्चा की गई ताकि पीड़ित को सुरक्षा प्रदान करते हुए समय पर न्याय मिल सके। मौके प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, डीएसपी जितेंद्र कुमार सिविल सर्जन डॉ मंटु कुमार टेकरीवाल, जिले के सभी थाना प्रभारी ,मेडिकल टीम के अधिकारी, मेडिएटर, पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सभी अधिवक्ता, सीडब्ल्यूसी के सदस्य, इंश्योरेंस कंपनियां के अधिवक्ता पीएलवी मौजूद रहे।

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