झारखंड विकास परिषद द्वारा बुधवार को प्रखंड स्तरीय कृषि को लेकर किसानों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन प्रखंड सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अंचलाधिकारी ओसाफ अहमद खाँ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक लारेंस मालतो, संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक मनोरंजन सिंह, परियोजना समन्वयक राजीव रंजन, महिला किसान सुजाता सोरेन, दुलड़ हांसदा और मरियम मरांडी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में किसानों के लिए बाजार पहुँच में सुधार को लेकर लोकल बाजार और लेम्प्स तक पहुँच के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही फसल विविधीकरण के बारे में भी बताया गया कि फसल विधिकरण एक प्रक्रिया है जिसमें किसानों की फसलों की कीमत और गुणवत्ता का निर्धारण किया जाता है। इससे किसानों को उचित मूल्य मिलता है, फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके अलावा, सहकारी समिति के गठन का मुख्य उद्देश्य और उन्नत कृषि हेतु जलवायु अनुकूल सतत् कृषि और जल प्रबंधन के बारे में भी चर्चा की गई। सहायक तकनीकी प्रबंधक ने किसानों को पर्यावरण और जलवायु के अनुकूल खेती करने के बारे में बताया। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति कृषि प्रणालियों को अधिक अनुकूल बनाने और दीर्घकालिक उत्पादकता और स्थिरता सुनिश्चित करने के तरीकों पर जोर दिया गया। कार्यशाला में जल प्रबंधन के बारे में भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई और किसानों को पानी बचाने के तरीकों के बारे में बताया गया। इस अवसर पर संस्था कर्मी मार्टिना, सुहागनि, राजीव, कैलाश, अजय और मीनी सहित कई अन्य उपस्थित थे। कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों के बारे में जानकारी प्रदान करना और उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि करना था।
