लंबे इंतजार के बाद 23 अप्रैल को होगी ब्याहुत समाज के कुल देवता भगवान बलभद्र की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जिसकी जानकारी समाज के सचिव अशोक भगत ने देते हुए बताया की शिव शीतला मंदिर प्रांगण में भगवान बलभद्र का नवनिर्मित मंदिर बनकर तैयार हो चुका है आगे दो दिवसीय कार्यक्रम है जिसमें 22 अप्रैल को भव्य कलश शोभायात्रा पीला ड्रेस कोड के साथ भगत पाड़ा शिव मंदिर से निकलकर अंबेडकर चौक होते हुए शिव शीतला मंदिर पहुंचेगी जहां वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भगवान बलभद्र की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू होगा, 101 महिलाएं इस कलश शोभा यात्रा में भाग लेंगी, 23 अप्रैल को भगवान बलभद्र की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जो देर शाम तक चलेगा । गुरु धाम से आए पुरोहित भगवान बलभद्र की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अपने मुखारविंद से वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूरी करेंगे ।
उन्होंने बताया कि मनुष्य, ईश्वर की बनाई सबसे सुंदर रचना है। मनुष्य के द्वारा ईश्वर की मूर्ति का निर्माण करने के बाद उसमें ईश्वरीय गुण और ईश्वर की समस्त शक्तियों को समाहित करने के लिए वैदिक मंत्रों एवं अनेक विधि-विधान द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है।
प्राण-प्रतिष्ठा में पाषाण मूर्ति में प्राणों का संचार हो जाता है और मूर्ति जिस भी देवी-देवता की है, वह भगवान बनकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
