कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को यौन उत्पीड़न और सुरक्षा कानूनों की जानकारी देना एवं जागरूक करना है:-डीसी।
बजरंग पंडित
प्रोजेक्ट प्रारंभ अंतर्गत यौन उत्पीड़न की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन एवं श्रमजीवी महिला समिति जमशेदपुर के सहयोग से सूचना भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त मनीष कुमार व पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार एवं सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू, राष्ट्रीय महिला गठबंधन की विशाखा भांजा, श्रमजीवी महिला समिति की मुख्य कार्यकारिणी पुरबी पाल, परियोजना समन्वयक करिश्मा कालुंडिया एवं जुबीन एक्का ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे हिंसा के खिलाफ हमें जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सबके सामूहिक प्रयास से ही जागरूकता लाई जा सकती है। यौन उत्पीड़न से रोकने के लिए सभी को जागरुक करने की आवश्यकता है। यह कानून इस तरीके से बना है कि यहां पर सभी अपनी बातें रख सकते हैं। पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने महिलाओं को जागरूक करते हुए विभिन्न पहलु पर उदाहरण सहित कहा कि यौन उत्पीड़न महिलाओं व पुरुष दोनों के खिलाफ हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम करके आंका जाता है। वे ज्यादा कमजोर एवं असुरक्षित स्थिति में होती हैं। अलग-अलग परिभाषाओं और समझदारी के कारण पीड़ित महिला द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करने में हिचकिचाहट के कारण उत्पीड़न को प्रमाणित करना काफी मुश्किल हो जाता है। कार्यशाला में राष्ट्रीय महिला गठबंधन विशाखा भांजा ने कहा कि सभी कार्यस्थल (संगठित एवं असंगठित) में जैसे सरकारी कार्यालय, कंपनियाँ, व्यवसाय, नागरिक समाज संगठन और अन्य सभी क्षेत्र – महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। भले ही वे पुरुषों के साथ काम कर रही हों, जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देते हैं। ‘सुरक्षित कार्यस्थल’ पाना सभी का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए भारत सरकार ने “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” पारित किया, जिसे POSH अधिनियम के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक संगठन/कंपनी को इस अधिनियम का पालन करना आवश्यक है। इस अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं (संगठित एवं असंगठित क्षेत्र) के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल कार्य वातावरण बनाना तथा उन्हें यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करना है। यह कानून सभी सरकारी/गैर-सरकारी/ कंपनी एवं व्यावसायिक कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न को रोकने तथा उस उत्पीड़न के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने के लिए उचित मार्गदर्शन एवं जानकारी प्रदान करता है।
श्रमजीवी महिला समिति की मुख्य कार्यकारिणी पुरबी पाल ने कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा, विश्वास एवं ईमानदारी के मूल्यों को बनाए रखने तथा यौन उत्पीड़न को कम करने के लिए कार्य कर रहे हैं। सभी कार्यस्थल में IC कमिटी तथा जिला स्तर में LC समिती गठन करना एवं इसे कार्यशील बनाना आवश्यक है।कार्यस्थल के वातावरण को अपने तथा अपने आस-पास के लोगों के लिए सुरक्षित करने के लिए कानून को जानना एवं क्रियान्वित करना जरुरी है ताकि इस जिले के कार्यस्थल को सुरक्षित बना सकें। इस कार्यक्रम को प्रभावशील बनाने के लिए सभी साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद। मौके पर सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू, कार्यपालक दंडाधिकारी क्रांति रश्मि, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पुरती, अधीक्षक, मंडल कारा, प्राचार्य, केकेएम कॉलेज पाकुड़, प्रभारी निरीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल, प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय, महेशपुर एवं हिरणपुर, सीडब्लू सी, पाकुड़ समेत अन्य पदाधिकारी एवं पीएमयू सेल के कर्मी उपस्थित थे।
