राजकुमार भगत
पाकुड़। फाइलेरिया उन्मूलन दिवस के तहत गण्यमान्य लोगो के बीच नगर परिषद स्थित सभागार में एक आवश्यक बैठक की गई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रभात कुमार जिला प्रभारी फलेरिया उन्मूलन ने सचित्र वीडियो के माध्यम से बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इसे हाथी पांव भी कहते हैं। हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का एक रूप है। आमतौर पर यह मच्छर के काटने से होता है किंतु इसके पता लगने में बहुत देर हो जाती है। फाइलेरिया को पनपने में 10 से 15 वर्ष लग जाते हैं । जब तक इसका पता लगता है तब तक बहुत देर हो चुका होता है। यदि एक बार किसी को फाइलेरिया हो जाए तो इसका कोई इलाज नहीं है । इसलिए पूर्व से ही दवा का सेवन प्रारंभ कर देना चाहिए ताकि आपको फाइलेरिया ही ना हो। इसके लिए प्रत्येक साल दवा खानी चाहिए ।दवा सरकार की ओर से निशुल्क दी जाती है । गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर 2 वर्ष से लेकर के ऊपर के सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवा खा सकते हैं। ताकि आपका जीवन सुरक्षित हो सके। आपको फाइलेरिया है अथवा नहीं है यह पता लगा कठिन काम है। इसलिए हमें दवा का सेवन करना चाहिए ताकि हम फाइलेरिया से बच सके। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में भी फैलती है। 10 फरवरी से 25 फरवरी तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल कॉलेज से लेकर घर-घर तक यह दवा खिलाई जाएगी इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।