पाकुड़, चाईबासा सदर अस्पताल में थैलीसीमिया से पीड़ित गरीब आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर करारा हमला बोला है। इसी मुद्दे पर रविवार को भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सिविल सर्जन कार्यालय, सोनाजोड़ी के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। बाद में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सिविल सर्जन, पाकुड़ को सौंपा। जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने कहा कि झारखंड की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। अस्पतालों में डॉक्टर, दवा, बेड और एम्बुलेंस की भारी कमी है। गरीब जनता को इलाज के नाम पर मौत परोसी जा रही है। चाईबासा सदर अस्पताल की घटना ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की अक्षम्य लापरवाही को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आकंठ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। सिविल सर्जन से लेकर मंत्री तक ठेके और आउटसोर्सिंग में मनमानी कर रहे हैं। अस्पतालों में घटिया सामग्री की आपूर्ति हो रही है और प्रतिबंधित नशीले कफ सिरप खुलेआम बिक रहे हैं। वहीं, मंत्री औचक निरीक्षण का दिखावा कर रहे हैं।
भाजपा का आरोप है कि रिम्स निदेशक ने शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि मंत्री कमीशन के लिए महीनों तक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करते। आयुष्मान योजना में भी बड़े निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव कर दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार ने 13 जनवरी 2021 को ही झारखंड सरकार को ब्लड बैंकों में सुधार के निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया। अब राज्य में बिना लाइसेंस ब्लड बैंकों की भरमार है, जो अवैध खून का कारोबार कर रहे हैं।
भाजपा ने राज्यपाल से मांग की है कि चाईबासा कांड में सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, उन्हें जेल भेजा जाए और भ्रष्ट स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। इस मौके पर जिला महामंत्री रूपेश भगत, पूर्व जिलाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, असित साहा, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपक साहा, सुकुमार मंडल, मितंजय मंडल, नगर मंत्री प्राची चौधरी, रामचंद्र साहा, राहुल साहा, इंद्रजीत कर्मकार, बोड़ो मुर्मू, धीरू साहा, गौरव साहा, पंकज साहा सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।













