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June 20, 2025 9:29 pm

बालू ट्रैक्टर के पहिए तले ढाई साल की मासूमियत हो गई दफन, बालू लदे ट्रैक्टर ने छीनी हंसती-खेलती ज़िंदगी

मो० काजीरुल शेख

पाकुड़: सोमवार की सुबह ईशाकपुर गांव के लिए कभी न भूल पाने वाला दिन बन गया, जब ढाई वर्षीय मासूम मोमिन शेख की जिंदगी एक तेज रफ्तार बालू लदे ट्रैक्टर की चपेट में आकर खत्म हो गई। गांव की गलियों में गूंजती उस बच्चे की हंसी एक पल में सन्नाटे में बदल गई।मोमिन अपने मामा के साथ नानी के घर जा रहा था। आंखों में नानी की मिठाइयों का सपना और दिल में मस्ती की उम्मीद थी। मगर जैसे ही रेलवे फाटक खुला, एक ट्रैक्टर (संख्या JH17M0509) पूरी रफ्तार से गांव की ओर दौड़ पड़ा। चालक ने ब्रेक तो लगाया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। मोमिन डरकर ट्रैक्टर की ओर भागा और वह वहीं कुचल गया।घटना स्थल पर दिल दहला देने वाला मंजर था — मामा बेसुध, मां-बाप चीखते हुए बेहोश, और पूरा गांव स्तब्ध। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि जो बच्चा अभी कुछ देर पहले खिलखिला रहा था, वह अब हमेशा के लिए खामोश हो गया है।स्थानीय लोगों ने ट्रैक्टर को घेर लिया, लेकिन चालक मौका देखकर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। थाना प्रभारी संजीव कुमार झा ने बताया कि परिजनों के आवेदन पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।मोमिन की मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। जहां कल तक बच्चों की हंसी सुनाई देती थी, आज वहां मातम पसरा हुआ है। गांववालों की आंखों में आंसू हैं और दिलों में सवाल — क्या हमारे मासूम बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?यह सिर्फ एक हादसा नहीं था, यह उस मां के सपनों की मौत थी जिसने अपने बेटे के लिए न जाने कितने अरमान संजोए थे। मोमिन चला गया, लेकिन पीछे छोड़ गया एक ऐसा ज़ख्म, जो ईशाकपुर गांव शायद कभी नहीं भूल पाएगा।

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