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June 26, 2025 2:00 am

पाकुड़ में कांग्रेस को खल रही पुर्व मंत्री आलमगीर की कमी, तो बेटे तनवीर ने संभाली कमान।

कांग्रेस महासचिव सह जिला प्रभारी तनवीर आलम ने तेज की चुनाव अभियान

सतनाम सिंह

पाकुड़: विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे प्रत्याशी समेत कार्यकर्ताओं की धड़कनें तेज होती जा रही है। समस्त भावी प्रत्याशी अपनी खुद की प्रचार करने के लिए कमरकस लिया है और गांव मोहल्ले का पंचायत का दौरा कर लोगों को अपनी और खींच रहे हैं इसी बीच अगर कांग्रेस की बात की जाए तो जब से पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम जेल गए हैं तब से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में क्षेत्र में आलमगीर की कमी कर रही है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उनकी कमी मायूस कर दे रही है। इधर उनकी कमी को दूर करने को लेकर उनके पुत्र सह प्रदेश महासचिव तनवीर आलम क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं लोगों की समस्या सुनकर समाधान का भरोसा दे रहे हैं। लोग यह भी मान रहे हैं कि जब से आलमगीर पाकुड़ छोड़े हैं तब से पाकुड़ की हालात बिगड़ गई है। यहां सांप्रदायिक जैसी घटना हो रही है इसको लेकर बुद्धिजीवियों का कहना है कि आलमगीर आलम एक ऐसा शख्स है जो हिंदू मुस्लिम सिक्ख इसाई को एक ही नजरिए से देखते थे। उनके यहां रहते किसी भी तरह के सांप्रदायिक घटना कभी भी देखने को नहीं मिली है। बुद्धिजीवी समेत कांग्रेसियों का मानना है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता सह राज्य के पुर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गैर मौजूदगी खल रही है।कहा जाता है कि पाकुड़ व राजमहल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं में मंत्री आलमगीर आलम की खास पकड़ है। फिलहाल वह जेल में हैं। पिता के जेल जाने के बाद मंत्री आलमगीर आलम के पुत्र व कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम चुनाव प्रचार में दिख रहे हैं। आलमगीर की अनुपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह फीका पड़ता जा रहा है।इधर, मंत्री की अनुपस्थिति में पूर्व विधायक अकील अख्तर पाकुड़ विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं पर पकड़ बनाने में जुटे हैं। वही कांग्रेस से अलग हुए अली अकबर के सुपुत्र अजहर इस्लाम भी। अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए मतदाताओं से लगातार संपर्क साध रहे हैं।अकील अख्तर की भी पाकुड़ विधानसभा में मुस्लिम समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र आइएनडीआइए गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। यहां वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के प्रत्याशी आलमगीर आलम को एक लाख 28 हजार 218, भाजपा के वेणी प्रसाद गुप्ता को 65 हजार 110 और आजसू के अकील अख्तर को 39 हजार 444 वोट मिला था।इस तरह भाजपा और आजसू के वोट को जोड़ दिया जाता है तो एनडीए का वोट एक लाख चार हजार 444 होता है।

मंत्री आलमगीर आलम की कमी चुनाव प्रचार के दौरान खल रही है। हालांकि, हमलोग लगातार क्षेत्र भ्रमण कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रहे हैं। -श्रीकुमार सरकार, जिलाध्यक्ष कांग्रेस, पाकुड़

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