पाकुड़ | झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति संजय प्रसाद ने शनिवार को चापाडांगा स्थित बाल आश्रय गृह में डिस्पेंसरी और कंप्यूटर कक्ष का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रोजेक्ट समावेश के तहत जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
न्यायमूर्ति ने कहा कि आश्रय गृह में रह रहे बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा और कंप्यूटर शिक्षा बेहद सराहनीय कदम है। उन्होंने भरोसा जताया कि डिस्पेंसरी जरूरतमंदों के लिए जीवन-रक्षक साबित होगी, जबकि कंप्यूटर शिक्षा बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करेगी। उन्होंने जिला प्रशासन और नालसा-डालसा के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की योजनाएं समाज में समावेशी वातावरण बनाने में मददगार होंगी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने गीत, पेंटिंग और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। न्यायमूर्ति ने बच्चों को सम्मानित किया। साथ ही बच्चों का सामूहिक जन्मदिन भी मनाया गया और शिक्षण सामग्री का वितरण किया गया। कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह, उपायुक्त मनीष कुमार, डीएफओ सौरभ चंद्रा समेत न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। जन लोक कल्याण परिषद के प्रबंधक कुंदन कुमार प्रमाणिक और आश्रय गृह प्रभारी संजय कुमार ने न्यायमूर्ति और जिला प्रशासन का आभार जताया।


